हेल्थ ड्रिंक की श्रेणी से हटाया गया Bournvita, चॉकलेट पाउडर के नाम पर बेची जा रही है शकर

WD Feature Desk

गुरुवार, 18 अप्रैल 2024 (13:47 IST)
Health Drink News
Health News : बच्चपन में कई लोगों ने बहुत शौक से बॉर्नविटा पिया है। आज भी कई मदर अपने बच्चों को दूध में बॉर्नविटान जैसी तमाम हेल्थ ड्रिंक मिलाकर पिलाती हैं। लेकिन केंद्र सरकार ने बॉर्नविटा सहित कई बेवरेज को हेल्थ ड्रिंक की श्रेणी में से हटाने का फैसला किया है। ALSO READ: सावधान! भारत में नेस्ले के सेरेलक और मिल्क पाउडर से बच्चों में मीठे की लत और मोटापे का खतरा

भारत सरकार के अनुसार अब बॉर्नविटा को हेल्थ ड्रिंक नहीं माना जाएगा। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे अपनी वेबसाइट से बॉर्नविटा सहित सभी पेय पदार्थों को 'हेल्थ ड्रिंक' की श्रेणी से हटा दें। ALSO READ: भारत बना दुनिया का Cancer Capital, रिपोर्ट में सामने आए डराने वाले तथ्य
 
हेल्थ ड्रिंक की कोई परिभाषा तय नहीं: 
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) के नियम और रेगुलेशन के द्वारा हेल्थ ड्रिंक की कोई परिभाषा तय नहीं की गई है। आयोग के तहत गठित समिति ने सीपीसीआर अधिनियम 2005 के तहत अपनी जांच की। इसके बाद यह तय किया गया कि FSS अधिनियम 2006 के तहत किसी भी हेल्थ ड्रिंक को डिफाइन नहीं किया गया है।
 
100 ग्राम बॉर्नविटा में 32.2 ग्राम शक्कर: 
2023 में भी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बॉर्नविटा बनाने वाली कंपनी को नोटिस भेजा था। इस प्रोडक्ट में काफी मात्रा में शुगर पाई गई। 100 ग्राम बॉर्नविटा में 37.4 ग्राम शुगर थी। नोटिस भेजने के बाद कंपनी ने इसकी शुगर की मात्रा घटाकर 32.2 ग्राम कर दी। किसी भी हेल्थ ड्रिंक में इतनी ज्यादा शुगर नहीं होती है और न होना चाहिए।
एनर्जी ड्रिंक ग्राहक को गुमराह कर रहीं: 
बाजार में कोका कोला, स्ट्रिंग और रेड बुल जैसी कंपनियों के कई एनर्जी ड्रिंक्स उपलब्ध हैं। NCPCR के अनुसार इन प्रोडक्ट के नाम से ग्राहक को गुमराह किया जा रहा है। इन एनर्जी ड्रिंक में भी काफी ज्यादा मात्रा में शुगर होती है जो सेहत को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकती है। भारत में एनर्जी ड्रिंक और स्पोर्ट्स ड्रिंक का वर्तमान में मार्केट साइज 4.7 बिलियन डॉलर है।
 
बच्चों को चॉकलेट पाउडर देते समय रखें इन बातों का ध्यान
किसी भी तरह की हेल्थ ड्रिंक या सप्लीमेंट लेने से पहले आपको उसके इंग्रेडिएंट्स पर ध्यान देना चाहिए। विज्ञापन के कारण किसी भी प्रोडक्ट को न खरीदें जब तक आपको उसकी सही जानकारी न हो। ऐसे प्रोडक्ट के सेवन से हेल्थ से खिलवाड़ न करें। बच्चों या खुद के लिए हेल्थ ड्रिंक का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें। 
ALSO READ: मोटापा और डायबिटीज के कारण बढ़ रहा है फैटी लिवर का खतरा, एक्सपर्ट से जानें बचाव के उपाय

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी