स्टॉकहोम सिंड्रोम क्या है?
स्टॉकहोम सिंड्रोम एक ऐसी मेडिकल कंडीशन है जिसमें व्यक्ति खुद को अगवा करने वाले, दुख देने वाले, बंधक बनाने वाले या आधिपत्य जमाने वाले व्यक्ति से हमदर्दी और प्यार हो जाता है। आप भी हैरान होते होंगे कि जो अगवा कर रहा है, उससे प्रेम और लगाव कैसे हो सकता है। लेकिन ये सच है, दरअसल इस मानसिक स्थिति में व्यक्ति अपने किडनैपर से इमोशनली जुड़ जाता है, इतना जुड़ जाता है कि उससे प्यार करने लगता है और उसके साथ रहना चाहता है।
किडनैप हुआ व्यक्ति पहले से PTSD, चिंता, और अवसाद से जुड़ा हो तो ये सिंड्रोम तेजी से हावी होता है। किडनैप हुए व्यक्ति को लगता है कि जिसने उसे किडनैप किया है,वो उसको जिंदा रख रहा है और वो उसका ख्याल रख रहा है। देखा जाए तो ये अकेलेपन के बीच पैदा हुआ साइकोलॉजिकल रिएक्शन होता है जिसका असर दोनों पर पड़ता है।
स्टॉकहोम सिंड्रोम के रिस्क
स्टॉकहोम सिंड्रोम किसी भी व्यक्ति की मेंटल हेल्थ के लिए खतरनाक है। इसमें व्यक्ति का बिहेवियर बदल जाता है और वो किडनैपर को बचाने के लिए कुछ भी कर सकता है। पीड़ित व्यक्ति अपनी आजादी, अपने विचार और अपने अस्तित्व को सही से पहचान नहीं पाता है और वो किडनैपर के प्रति वफादार और कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार हो जाता है।
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