Benefits of eating cranberry: भारत के ग्रामीण इलाके में ही यह फल अब देखने को मिलता है। पहले इसकी झाड़ी बहुतायत में शहरों में भी होती थी परंतु अब कहीं नहीं दिखाई देती है। करौंदे को अंग्रेजी में क्रैनबेरी (Cranberries) कहते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम वैक्सीनियम मैक्रोकारपन (Vaccinium macrocarpon) है। इस छोटे से फल के कई बहुत अच्छे फायदे हैं परंतु इसे ज्यादा खाने के नुकसान भी है। आओ जानते हैं इसके फायदे।
करौंदे में क्या होता है?
इसमें फ्लेवोनॉल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी बैक्टीरियल, एंटीम्यूटेजन और एंटीकार्सिनोजेन, ग्लूकोरेग्यूलेशन, न्यूरोप्रोटेक्टिव और एंटी-वायरल जैसे गुण होते हैं। करौंदा में विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन के, आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम, जिंक, प्रोटीन जैसे तत्व पाए जाते हैं।
इसकी चटनी भी बनाकर काई जा सकती है।
इसका जैम भी बनाया जा सकता है।
खासकर इसका जूस बनाकर पीना फायदेमंद है।
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन में फायदे : एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार यह मूत्र मार्ग के संक्रमण की रोकथाम कर सकता है क्योंकि इसमें प्रोएन्थ्रोसिनेनिडिन-ए (proanthrocyanidin-A) कंपाउंड पाया जाता है। यह यूटीआई और इसके कारण होने वाले कैथेटर से जुड़े यूटीआई और पोस्ट्राडियोथेरेपी प्रोस्टेट कैंसर की रोकथाम में प्रभावी हो सकता है।
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में सहायक : एक शोध के अनुसार इसका पाउडर एचडीएल-कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि को रोकने में सक्षम है, क्योंकि इसमें पॉलीफेनोलिक और फ्लेवोनोइड पाए जाते हैं। ये दोनों ही अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं। कोलेस्ट्रॉन नियंत्रित रहने से हार्ट अटैक की संभावना कम होती है।
इम्यूनिटी बूस्टर : करौंदा में भरपूर मात्रा में विटामिन सी मौजूद होता है, इसलिए इसके सेवन से इम्यूनिटी बढ़ती है यानी शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमात का विकास होता है। इससे सर्दी-जुकाम और बुखार जैसे वायरल इंफेक्शन से भी बचा जा सकता है। स्किन के लिए भी यह फायदेमंद है।