मोदी@ट्वेंटी - ड्रीम्स मीट डिलीवरी : पीएम की सफलता का राज, नामचीन हस्तियों के नजरिए से
रविवार, 11 सितम्बर 2022 (12:35 IST)
रवीन्द्र शुक्ला (वरिष्ठ पत्रकार)
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह आज रविवार 11 सितंबर को इंदौर में एक असाधारण पुस्तक का प्रदेश स्तरीय विमोचन कर रहे हैं। यह असाधारण पुस्तक – मोदी – 20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी” (मोदी – 20: साकार हुए सपने) है। यह पुस्तक गुजरात के मुख्यमंत्री और भारत के प्रधानमंत्री के रुप में नरेंद्र मोदी के 20 वर्षों के अनवरत कार्यकाल में उनकी सुस्पष्ट सुदूरवर्ती विचार दृष्टि और कार्यशैली को रेखांकित करते हुए गुजरात राज्य और समूचे राष्ट्र के हित में उनकी उपलब्धियों का वर्णन करती है।
यह पुस्तक असाधारण क्यों है? इसे स्पष्ट करते हुए पुस्तक की रचना संयोजन और संपादन करने वाली संस्था ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने,जो कि मुख्यत: नीति-निर्माण और शासन संचालन के क्षेत्र में कार्यरत एक स्वैच्छिक संस्था है, कहा है कि नरेंद्र मोदी का व्यक्तित्व, विचार-दृष्टि, कार्य-शैली और उपलब्धियां इतनी बहु-आयामी और अनूठी है कि उन्हें समग्रता में परिभाषित और बयान कर सकने का दावा कोई एक व्यक्ति कर ही नहीं सकता, भले ही वह कितना भी बड़ा विशेषज्ञ क्यों ना हो? कारण यह कि भारतीय राजनीति में उनका उदय एक धूमकेतु की तरह हुआ और वे अपने आप में एक संघटना सदृश्य (फिनामिनन) बन गए।
देश और दुनिया पर उनका प्रभाव इतना व्यापक है कि भारत के शासन संचालन और राजनीतिक इतिहास को दो स्पष्ट काल खंडों: मोदी से पहले के और मोदी के बाद के कालखंड में बांटा जा सकता है। किसी एक विषय के अध्येता से पूछे कि मोदी-फिनामिनन कारगर और उपादेय क्यों है, तो वह जो जवाब देगा, वह किसी व्यावसायिक-एक उद्योगपति से इसी सवाल के जवाब में भिन्न होगा। लेकिन यही सवाल यदि किसी जनाधार वाले राजनीतिज्ञ से पूछा जाए तो उसका उत्तर दोनों से भिन्न होगा। और फिर, वही सवाल किसी सामान्य मतदाता से किया जाए तो उसकी सोच सब से अलग ही उभर कर सामने आएगी।
इसी कारण पुस्तक रचना लेखन का बीडा उठाने वाली संस्था 'ब्लू क्राफ्ट' ने यह संकल्पना की कि नरेंद्र मोदी पर पुस्तक प्रकाशित करना है तो विविध विषय क्षेत्रों के नामचीन व्यक्तियों को एक साथ लाया जाए। यह व्यक्ति ऐसे हों जो कि इस सदी के आरंभिक दो दशकों पर अकादमिक लेख लिखकर पुस्तक रचना संयोजन में सहयोग दे सकें।
यह विशिष्ट नामचीन लेखक कौन हैं? एक बानगी पेश है: इंफोसिस के चेयरमैन और सह-संस्थापक पद्मभूषण नंदन निलेकणी; प्रसिद्ध लेखिका पद्मश्री सुधा मूर्ति; अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्यपालिक निदेशक सुरजीत भल्ला (जिनके पास भारत, बांग्लादेश, भूटान और श्रीलंका का प्रभार है), कोटक महिंद्रा बैंक के संस्थापक और सीईओ उदय कोटक, दो ओलंपिक विजेता बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु, प्रसिद्ध अभिनेता अनुपम खेर, कोलंबिया विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर पद्मभूषण अरविंद पनगारिया, जो भारत के नीति आयोग के पहले उपाध्यक्ष भी रहे, कनफेडेरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री की पहली महिला अध्यक्ष और अपोलो अस्पताल समूह के संस्थापक परिवार की सदस्य शोबना कामिनेनी, पद्म विभूषण योगी सदगुरु, जिन्होंने ईशा फाउंडेशन की स्थापना की है और जिनके दुनिया के 300 शहरों में एक करोड़ से ज्यादा अनुयायी हैं, लंदन स्थित नेहरू केंद्र के निदेशक प्रसिद्ध लेखक अमीश त्रिपाठी, अंतरराष्ट्रीय सोलर अलायंस के महानिदेशक डॉ अजय माथुर, नारायणा हेल्थ के संस्थापक अध्यक्ष डॉ देवी शेट्टी और प्रसिद्ध भारतीय चुनाव एवं जनमत (सेफोलॉजी) विशेषज्ञ तथा एक्सिस माय इंडिया लिमिटेड के संस्थापक प्रदीप गुप्ता।
इनके साथ ही नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडलीय सहयोगी गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर के लेख भी इस पुस्तक में हैं। श्री मोदी के पहले प्रधानमंत्री काल (2014-2019) में उनके प्रमुख सचिव रहे पद्मभूषण नृपेंद्र मिश्रा और केंद्रीय वित्त मंत्रालय में प्रमुख आर्थिक सलाहकार डॉ वी. अनंत नागेश्वरन भी इसके लेखक समूह में है।
पुस्तक की प्रस्तावना भारत रत्न लता मंगेशकर (अब स्वर्गीय) ने लिखी है। यह रस्मी प्रस्तावना नहीं, अपितु नरेंद्र मोदी के प्रति उनकी एक भावांजलि है। वे लिखती हैं: “इतिहास के इस मुकाम पर हमारे देश के नेता, प्रधानमंत्री की कुर्सी पर आसीन हमारे प्रिय नरेंद्र भाई हैं। मैं उन्हें कई वर्षों से जानती हूं और देश की जनता के लिए उन्होंने जो अद्वीतीय कार्य किया है, उसका मैं बहुत दिलचस्पी से अवलोकन करती रही हूं।
7 अक्टूबर 2021 को नरेंद्र भाई ने प्रजातांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार के मुखिया के रूप में 20 लगातार वर्ष पूरे किए हैं। स्वभाव-प्रकृति से नरेंद्र भाई वैसे नहीं है, जैसा हम आम तौर पर एक राजनीतिज्ञ के बारे में कल्पना करते हैं। उनसे हुए कई वार्तालापों में मुझे लगा कि उनके लक्ष्य कुछ और ही हैं। उनमें सत्ता से चिपके रहने का मोह नहीं है। उनका लक्ष्य अपेक्षाकृत बडा है। इस योग्य बनना कि भारत की जनता के लिए कुछ कर सकें”।
लता जी ने प्रस्तावना में आगे लिखा- “भारत की जनता ने 2014 में नरेंद्र भाई को ऐसा समर्थन दिया, जो कि पिछले दशकों में कभी देखा नहीं गया था। पिछले 7 वर्षों में उन्होंने गरीबी और पीड़ा मिटाने के कई अद्वितीय कदम उठाए हैं। मैं विश्वास के साथ कह सकती हूं कि दुनिया में उनके सुशासन के चर्चे हैं। नरेंद्र भाई अन्यों से अलग हैं, क्योंकि लोग उनमें भरोसा करते हैं। मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि देश के हर हिस्से के लोग उन्हें अपने परिवार का एक सदस्य समझते हैं, जो उनसे जुड़े मुद्दों पर बात करता है”।
प्रस्तावना में लता जी ने राजनीतिक क्षेत्र में नरेंद्र मोदी के 20 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में पुस्तक तैयार किए जाने पर खुशी व्यक्त की है और कहा है कि यह पुस्तक हम सब के लिए प्रेरक और उल्लेखनीय संस्मरण प्रदान करेगी।
439 पेजों की यह पुस्तक 5 खंडों में विभाजित है। पहले खंड का विषय क्षेत्र है- सबसे पहले जनता (पीपुल फर्स्ट)। यह नरेंद्र मोदी के सामाजिक प्रभाव पर है। इसमें ओलंपिक में दो बार पदक जीतने वाली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने युवा-जनों पर मोदी जी के प्रभाव और शोभना कामिनेनी ने महिला सशक्तिकरण पर लिखा है। अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला ने नरेंद्र मोदी की नीतियों से समाज के अंतिम छोर के व्यक्तियों तक लाभ पहुंचने और गरीबी मिटाने के प्रयासों का अकादमिक तरीके से विश्लेषण किया है।
दूसरा खंड मोदी जी के राजनीतिक प्रभाव पर है। इसमें अमीश त्रिपाठी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा चुनाव जनमत विश्लेषक (सेफोलॉजिस्ट) प्रदीप गुप्ता के लेख हैं। तीसरा खंड आर्थिक नीतियों पर है, जिसमें भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन, प्रोफ़ेसर अरविंद पनगारिया, डॉक्टर शामिका रवि और उदय एस. कोटक के लेख हैं। चौथा खंड नरेंद्र मोदी द्वारा लागू की गई नई शासन शैली के बारे में है। यह खंड अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें सबसे ज्यादा 8 लेख हैं। ये अजय माथुर, अनुपम खेर, अशोक गुलाटी, डॉ देवी शेट्टी, नंदन नीलेकणी, नृपेंद्र मिश्रा, योगी सदगुरु और सुधा मूर्ति के लेख हैं। पांचवां और अंतिम खंड इस विषय पर है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत और दुनिया के अन्य देशों के संबंध कैसे हैं। इसमें भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल और विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर के लेख हैं। इसी में ब्रिटेन के मनोज लाडवा और अमेरिका के भरत बाराई का भी एक लेख हैं। यह दोनों नरेंद्र भाई को करीब 3 दशकों से व्यक्तिगत रूप से जानते रहे हैं। उन्होंने अपने व्यक्तिगत संस्मरणों के माध्यम से नरेंद्र मोदी के उन अद्वितीय तौर-तरीकों का वर्णन किया है, जिनसे वे भारतीयों को आकर्षित करते रहे हैं।
पुस्तक में नरेंद्र मोदी के बारे में अभिनेता आमिर खान एवं अक्षय कुमार, महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा, मास्टरकार्ड के भूतपूर्व प्रेसिडेंट और सीईओ अजय बंगा, माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और सीईओ सत्या नडेला और सिस्को सिस्टम्स के भूतपूर्व एक्सीक्यूटिव चेयरमैन जान चैंबर्स की संक्षिप्त टीपें भी हैं।
पुस्तक : 'मोदी@ट्वेंटी'- ड्रीम्स मीट डिलीवरी भाषा : अंग्रेजी पृष्ठ संख्या- 439 संपादन एवं संयोजन - ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन प्रकाशक- रूपा पब्लिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड, अंसारी रोड, दरियागंज, नई दिल्ली। मूल्य– ₹895/-