भारत यायावर के कविता संग्रह 'झेलते हुए' और 'मैं यहाँ हूँ' बहुत चर्चित रहे हैं। भारत यायावर के कविता संग्रह 'झेलते हुए' और 'मैं यहाँ हूँ' बहुत चर्चित रहे हैं।
वरिष्ठ कवि और आलोचक भारत यायावर का शुक्रवार को निधन हो गया। सोशल मीडिया में कई लेखकों, कवि और पाठकों ने उन्हें श्रद्धाजंलि दी। उनकी स्मृतियों को कई लोगों ने साझा किया है।
बता दें कि हिंदी के दिग्गज लेखक फणीश्वर नाथ रेणु पर भारत यायावर का शोध चर्चा में रहा था। उन्होंने फणीश्वरनाथ रेणु की खोई हुई और दुर्लभ 8 पुस्तकों का संपादन किया है। भारत यायावर के पुत्र ने सोशल मीडिया पर उनके निधन की सूचना दी थी।
झारखंड में हजारीबाग के रहने वाले यायावर के कविता संग्रह झेलते हुए और मैं यहां हूं बहुत चर्चित रहे। उन्हें नागार्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
29 नवंबर, 1954 को जन्में भारत यायावर विनोवा भावे विश्वविद्यालय में हिंदी के प्राध्यापक भी रहे हैं। उन्होंने कई कविता-संग्रह लिखे। एक ही परिवेश (1979), झेलते हुए (1980) मैं हूं, यहां हूं (1983), बेचैनी (1990) एवं हाल-बेहाल (2004) कविता-संग्रह शामिल हैं। यायावर ने महावीर प्रसाद द्विवेदी रचनावली का संपादन भी किया है।
यायावर को दिल्ली, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, इलाहाबाद, लखनऊ समेत कई शहरों के लेखकों और पाठकों ने याद किया और श्रद्धाजंलि अर्पित की।