कई संतों-महात्माओं ने कहा है और आज भी कई मोटिवेशनल गुरु स्टेज पर कहते नजर आते हैं। एक बेहद ही पावरफुल सेंटेंस। माइंडसेट इज एवरीथिंग। Mindset is everything
आखिर क्या है इसका मतलब। यह कैसे काम करता है। देखिए सोचिए और समझिए।
पूरे शरीर में एक माइंड ही या आपका नजरिया ही वो हिस्सा है जो आपकी एक्टिविटी को कंट्रोल करता है।
जैसा आप देखते हो वही नजर आएगा। जो आप सोचोगे वही होगा और जो आप चाहेंगे वही बन जाओगे।
इसका सीधा सा अर्थ है आप अपने आसपास की जिंदगी में चीजों को जिस ढंग से या जिस तरह जिस अर्थ में देखते हैं वे वैसे ही नजर आती हैं। किसी चीज में आप खूबसूरती देखेंगे तो उसमें ब्यूटी ही नजर आएगी। किसी में अग्लीनेस देखेंगे तो वहां बेहूदा ही नजर आएगा।
आप अपने आसपास नकारात्मकता या कहें नेगेटिविटी देखेंगे तो वही नजर आएगी। अगर पॉजिटिव चीजों को देखेंगे तो वही नजर आएगी।
यह सबकुछ आपके देखने, सोचने, समझने और कुल जमा आपके नजरिए दृष्टिकोण, माइंडसेट या विजन पर निर्भर करता है। यानी आपके देखने, सोचने और समझने का तरीका।
शायद इसलिए इंसानों की जिंदगी में सपनों को बहुत ज्यादा महत्व दिया गया है। आप खुद को लेकर कोई सपना देखेंगे तो जाहिर है वो सपना अच्छा और सुंदर ही होगा। जब आप अच्छा देखेंगे तो अच्छा ही सोचेंगे और अंत में अच्छा ही करेंगे।
यह सारी क्रियाएं आपके माइंडसेट से सक्रिय होती हैं। एक उदाहरण लीजिए। आप अमिताभ बच्चन की दीवार फिल्म देखकर थियेटर से बाहर आते हैं तो आपको आपकी चाल, आवाज और ढंग अमिताभ की तरह महसूस होने लगता है। आप कुछ देर के लिए अमिताभ बच्चन हो जाते हैं। लेकिन यह सिर्फ एक इंप्रेशन होता है। कुछ देर बाद यह इंप्रेशन खत्म हो जाता है। फिल्म देखने से पहले आप अमिताभ बच्चन नहीं थे और फिल्म खत्म होने के दो घंटे बाद भी आप अमिताभ बच्चन नहीं रह जाते हैं। इंप्रेशन खत्म होते ही आप वो हो जाते हैं जो आप वास्तव में हैं। और यही वो स्थिति है जब हमें अपने माइंडसेट का इस्तेमाल करना है।
इसलिए सिर्फ उसी पर ध्यान दीजिए जो आप वास्तव में हैं। वही सोचिए, करिए और बनिए जो सकारात्मक है। इसके लिए हमें अपना माइंडसेट तय नहीं करना है। इस माइंडसेट को तोड़ना है या ओपन करना है। अगर वो नेगेटिव है तो उसे तोड़कर पॉजिटिव बनाना है। अगर वो झिझकता है तो उसे आत्मविश्वासी बनाना है। अगर वो खाली है तो उसमें सपने भरना है। तो कहिए Mindset is everything.
नोट: इस लेख में व्यक्त विचार लेखक की निजी अभिव्यक्ति है। वेबदुनिया का इससे कोई संबंध नहीं है।