- डॉ. अर्पण जैन 'अविचल'
सहज, सौम्य और सरल जिनका मिजाज है, सबकुछ होते हुए भी फकीराना ठाठ, आजाद पंछी की तरह गगन को नापना, मजाक और मस्ती की दुनिया से कविता खोजने वाले, अल्हड़ और मनमौजीपन में जिन्दादिली से जीने वाला, कविता लिखने के लिए केवल मुठ्ठी उठा कर नभ को पत्र भेजने का कहने वाला, जो बिना अलंकार के सरलता से कविता कह जाए, यदि अहिल्या की नगरी इंदौर में ऐसा कोई शख्स आपको मिलेगा तो वह जरूर अपना नाम राजकुमार कुम्भज ही बताएगा।