इस रिमझिम बारिश के लिए 10 latest shayari

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क्या इस बारिश के मौसम में आपका मन भी 'बरसो रे मेघा-मेघा पर' नाचने के लिए कर रहा है? कई लोगों को बारिश का मौसम बहुत पसंद होता है। चुबती जलती गर्मी के बाद रिम झिम बारिश और मिट्टी की सौंदी खुशबू किसे पसंद नहीं होती है। बारिश के मौसम में आपको अपना शहर और रोज़ का रास्ता भी बहुत हसीन लगने लगता है। साथ ही बारिश के मौसम में गरमा गर्म चाय और मैगी खाने का मज़ा भी अलग होता है। कई लोगों को बारिश के इन खूबसूरत पलों को सोशल मीडिया पर शेयर करना बहुत पसंद होता है। अगर आप भी इन लोगों में एक हैं तो हम आपके लिए बारिश से जुडी खूबसूरत शायरी लेकर आए हैं। इन शरियों के ज़रिए आप अपने बारिश  के पालों को और भी खूबसूरत तरीकों से ब्यान कर सकते हैं।
 
1. कुछ तो चाहत होगी इन बूंदों की, 
वरना कौन आसमान पर पहुंचकर ज़मीन को छूता है।
 
2. अजीब हैं तेरे जाने के बाद की बारिशें भी, 
बंद कमरों में भी हमारा तकिया भीगता हैं।


 
3. सुबह का मौसम बारिश का साथ है,
हवा ठंडी जिससे ताज़गी का एहसास हो, 
बना के रखिए चाय और पकौड़े,
बस हम आपके घर के थोड़े से पास हैं।
 
4. बारिश में भीगना, गुज़रे ज़माने की बात हो गई 
कपड़ो की कीमतें, मस्ती से कहीं ज़्यादा हो गई।
 
5. कोई रंग नहीं होता इस बारिश के पानी का,
मगर बरसते ही फिज़ा को रंगीन बना देता है।
 
6. ज़िन्दगी बारिश की तरह है, 
या तो इसमें भीग जाओ या छतरी का इंतज़ाम रखो।


 
7. बारिशों की भी अपनी कहानी है,
जैसे अश्कों के साथ बहता पानी है।
 
8. बारिश की रिमझिम तो है लेकिन सवान नहीं है, 
बच्चे तो है लेकिन बचपन नहीं है, 
क्यों बदल गया है ज़माने का ढंग यारों,
अपने तो है लेकिन अपनापन नहीं है।
 
9. कल तक उड़ती थी जो मुंह तक, आज पैरों से लिपट गई
चंद बूंदे क्या बरसी बरसात की, धुल की फितरत ही बदल गई।
 
10. फितरत तो कुछ यूं भी है इंसान की, 
बारिश खत्म हो जाए तो छतरी बोज लगती है।

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