क्या कहें दोस्त इस नशे की तबियत क्या होती है
जब चढ़े नशा किसी भी चीज का, इंसा की हालत बुरी होती है
वैसे तो नशे को कहते हैं बुरा लोग एक जमाने से
पर हम कहते हैं कि नशे की आदत भी बड़ी अच्छी हो सकती है
ना मान लो कि नशा सिर्फ शराब का होता है
जिसमें खोने के बाद इंसा कुछ पल हंसता, फिर सदा रोता है
एक नशा हम भी कर लें ऐ दोस्त, जो जीवन के सफर को खुशियों से भर देता है
ये नशा है एक इंसा का, दूजे इंसा से प्यार का
जो एक बार चढ़ गया तो कभी न उतरता है
इस नशे में गुण ही गुण है ऐ दोस्त, क्योंकि रोते को हंसा देता है
ये जब सिर चढ़कर बोलने लगता है, तो इंसा खुद की वहशी फितरत
सदा के लिए खो देता है
सुकून है इसमें शराब के नशे से भी ज्यादा
इसमें डूबने वाला और पिलाने वाला भी बड़ा खुश होता है
कितनी भी करें तारीफ प्यार के नशे की हम
लगता है ऐ दोस्त कुछ तो है रह गया कम
ऐसा प्यार का नशा जहां में बस जाए
तब ना कोई अपना ना कोई भी पराया होता है
है ना अजीब दोस्तों ये,
कि इस नशे में किसी का नुकसान नहीं होता