गोगा देव कौन थे, क्यों पूजा जाता है उन्हें?

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Goga Panchami Parv : प्रतिवर्ष भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को गोगा पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 4 सितंबर, दिन सोमवार को पड़ रहा है। यह पर्व पंचमी से शुरू होकर नवमी तिथि तक चलता है। नवमी के दिन इसका खास त्योहार रहता है, जिसे गोगा नवमी के नाम से जाना जाता है। 
 
गोगा पंचमी क्यों मनाई जाती है: धार्मिक मान्यता के अनुसार पंचमी नागदेव की तिथि मानी गई है। इसी कारण भाद्रप्रद कृष्ण पंचमी के दिन गोगा देव और नाग देवता की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस दिन जाहरवीर गोगा जी तथा नागदेव का पूजन करने से गोगा देव जी सर्प दंश और उनके काटने से हमारी तथा बच्चों के जीवन की रक्षा करते हैं। इसीलिए माताएं अपनी बच्चों की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना इनका पूजा करती हैं। 
 
क्यों पूजा जाता है : गोगा देव जी जाहरवीर चौहान वंश में जन्मे राजस्थान के चमत्कारिक सिद्ध पुरुष माने गए हैं। उन्हें राजस्थान के लोक देवता के नाम से एक पीर के रूप में भी जाना जाता हैं।

धार्मिक मान्यतानुसार गोगा देव जी का जन्म गुरु गोरखनाथ के वरदान से राजस्थान के ददरेवा/ चुरू चौहान वंश के राजपूत शासक जैबर/जेवरसिंह की पत्नी बाछल के गर्भ से भाद्रपद/भादो सुदी नवमी को हुआ था। उन्हें गुरु गोरक्षनाथ के प्रमुख शिष्यों में स्थान प्राप्त है।
 
लोक मान्यता व लोक कथाओं के अनुसार गोगा जी को सांपों के देवता के रूप में पूजा जाता है। उनके संबंध में ऐसी मान्यता भी है कि यदि गोगा पंचमी और नवमी के दिन अगर संतान प्राप्ति की महिलाएं गोगा देव का पूजन करें तो उनकी गोद जल्द ही भर जाती है।

लोग उन्हें गोगा जी चौहान, गुग्गा, जाहिर वीर व जाहर पीर के नामों से पुकारते हैं। भाद्रपद पंचमी को गोगा पंचमी का पर्व है, जो गोगा नवमी तक चलता है। इस दिन बहनें भाइयों के मस्तक पर टीका करके उन्हें मिठाई खिलाकर उनकी लंबी आयु की कामना करती है और भाई बहनों को भेंट देते हैं। नवमी के दिन खास त्योहार रहता है। 

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