सावधान! कलयुग चल रहा है, कलिकाल में स्त्री पुरुष कैसे होंगे?

Webdunia
बुधवार, 2 अगस्त 2023 (15:09 IST)
सतयुग में पाप की मात्र 0 विश्वा अर्थात् 0% होती है। पुण्य की मात्रा 20 विश्वा अर्थात् 100% होती है। त्रेता में पाप की मात्रा 5 विश्वा अर्थात् 25% होती है और पुण्य की मात्रा 15 विश्वा अर्थात् 75% होती है। द्वापर में पाप की मात्रा 10 विश्वा अर्थात् 50% होती है जबकि पुण्य की मात्रा 10 विश्वा अर्थात् 50% होती है। कलियुग में पाप की मात्रा 15 विश्वा अर्थात् 75% होती है, जबकि पुण्य की मात्रा 5 विश्वा अर्थात् 25% होती है। इसलिए कहते हैं कि पुण्यात्मा सावधान! कलयुग चल रहा है।
 
कलियुग का वर्णन करते हुए श्रीकृष्ण कहते हैं कि कलियुग में ऐसे लोगों का राज्य होगा, जो दोनों ओर से शोषण करेंगे। बोलेंगे कुछ और करेंगे कुछ। मन में कुछ और कर्म में कुछ। ऐसे ही लोगों का राज्य होगा।
 
पुत्रः पितृवधं कृत्वा पिता पुत्रवधं तथा।
निरुद्वेगो वृहद्वादी न निन्दामुपलप्स्यते।।
म्लेच्छीभूतं जगत सर्व भविष्यति न संशयः।
हस्तो हस्तं परिमुषेद् युगान्ते समुपस्थिते।।
 

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