cheti chand festival 2025: सिंधी समाज के हिन्दुओं में झूलेलाल को वरुणदेव का अवतार माना जाता है। सिंध प्रांत के हिन्दुओं को सिंधी कहा जाता है। सिंध प्रांत के हिन्दुओं को मुस्लिम अत्याचार से बचाने के लिए ही इनका अवतार हुआ था। यह एक चमत्कारिक संत थे। झूलेलाल की जयंती चैत्र शुक्ल माह की द्वितीया को आती है। इनका प्रकटोत्सव चैत्र प्रतिपदा से ही प्रारंभ हो जाता है। झुलेलालजी को जिन्दपीर, लालशाह, पल्लेवारो, ज्योतिनवारो, अमरलाल, उदेरोलाल, घोड़ेवारो भी कहते हैं। इन्हें मुसलमान ख्वाजा खिज्र जिन्दह पीर के नाम से पूजते हैं। पाकिस्तानी सिंधी लोग इन्हें 'प्रभु लाल साईं' कहते हैं।
सिंध प्रांत में मिरक शाह नामक एक क्रूर मुस्लिम राजा के अत्याचार और हिन्दू जनता को समाप्त करने के कुचक्र के चलते झूलेलाल का 10वीं सदी में अवतार हुआ और उन्होंने हिन्दू-मुस्लिम एकता का पाठ पढ़ाया। जन्म से ही चमत्कारिक बालक होने की प्रसिद्धि के चलते मिरक शाह को लगा कि यह बालक संभवत: मेरी मौत का करण बन सकता है। अत: शाह ने उदयराज को समाप्त करवाने की योजना बनाई। शाह दल-बल सहित उदयराज को मारने के लिए निकले ही थे लेकिन उदयराज ने अपनी दिव्य शक्ति से शाह के महल में आग का कहर बरपा दिया और शाह की सेना बेबस हो गई। सेनापतियों ने देखा कि सिंहासन पर 'लाल उदयराज' बैठे हैं। जब महल भयानक आग से जलने लगा तो बादशाह भागकर 'लाल उदयराज' के चरणों में गिर पड़ा।
चेटीचंड पर्व: सिंध प्रांत के हिन्दुओं जिन्हें सिंधी कहा जाता है, उनके लिए चेटीचंड सबसे बड़ा पर्व है। भगवान झूलेलाल का अवतरण इसी दिन हुआ था। जो भी 4 दिन तक विधि- विधान से भगवान झूलेलाल की पूजा-अर्चना करता है, वह सभी दुःखों से दूर हो जाता है। कुछ लोग झूलेलाल चालीहा उत्सव मनाते हैं। अर्थात 40 दिन तक व्रत उपवास रखते हैं।