जन-गण-मन : एक परिचय

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बांग्ला साहित्य के शिरोमणि कवि रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित जन-गण-मन एक विशिष्ट कविता है। इस कविता के पहले छंद को राष्ट्रगान के रूप में गाया जाता है। 
 
कवि रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित 
 
सगायन अवधि- 52 सेकंड 
 
24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगान को मान्यता
 
27 दिसंबर 1911 को कांग्रेस के अधिवेशन में पहली बार गाया गया
 
संगीत में पांच अंतरें हैं
 
कंपोजर- रामसिंह ठाकुर

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