15 दिसंबर - सरदार वल्लभ भाई पटेल पुण्यतिथि पर जानिए कहाँ है उनकी विशाल प्रतिमा
Sardar Vallabh Bhai Patel
स्टेचू ऑफ यूनिटी (Statue of unity) देश के पहले गृहमंत्री रहे सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा है। यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है तथा शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गेनाइजेशन द्वारा इसे 8 अजूबों की लिस्ट में शामिल किया है।
इस प्रतिमा की विशालता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मात्र इसके चेहरे की ऊंचाई ही 7 मंजिली इमारत के बराबर है। इतना ही नहीं लौह पुरुष की प्रतिमा के 6 फीट के इंसान के कद से बड़े होंठ, आंखें और जैकेट के बटन हैं। इसके हाथ 70 फुट लंबे हैं, जबकि पैर के निचले हिस्से की ऊंचाई 85 फुट है। इस मूर्ति की ऊंचाई न्यूयॉर्क स्थित 'स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी' से भी करीब दोगुनी है।
गुजरात में केवड़िया कॉलोनी में नर्मदा नदी पर स्थित सरदार सरोवर बांध से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा, स्टेच्यू ऑफ यूनिटी स्थित है। इस विशाल प्रतिमा को बनाने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2010 में की थी, जब वे गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यरत थे। और अक्टूबर 2013 में तब मुख्यमंत्री रहे मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी, इसे बनाने का काम एलएंडटी कंपनी को अक्टूबर 2014 को दिया गया था तथा इसके निर्माण की शुरुआत अप्रैल 2015 में हुई थी।
इस विशाल मूर्ति को बनाने में 90 हजार टन सीमेंट और लगभग 24,000 टन स्टील, 25,000 टन लोहा तथा 1,700 टन तांबा और इतना ही कांसा उपयोग किया गया है। इस प्रतिमा के आधार पर एक म्यूजियम और इसके अंदर 153 मीटर की ऊंचाई पर जहां इसका हृदयस्थल है, उसमें पहाड़ी क्षेत्र, नर्मदा नदी और निकटवर्ती सरदार सरोवर डैम का नजारा देखने के लिए एक दर्शक क्षेत्र भी बनाया गया है।
इतना ही नहीं इस विशालकाय प्रतिमा में 2 लिफ्ट भी लगी हुई हैं। इस मूर्ति को 7 किमी दूर से देखा जा सकता है। इस प्रतिमा में महत्वपूर्ण बात यह है इसकी ऊंचाई कि गुजरात की असेंबली सीट 182 के बराबर ही रखी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 अक्टूबर, 2018 को इस प्रतिमा का अनावरण करके इसे राष्ट्र को समर्पित किया है। सरदार वल्लभ भाई पटेल की इस प्रतिमा का कार्य मात्र 4 वर्षों में पूरा किया गया है तथा इसे बनाने की लागत 2,989 करोड़ रुपए आई है। सबसे कम समय में बनने वाली यह दुनिया की पहली प्रतिमा है।
बता दें कि इसे एक टूरिस्ट स्पॉट के रूप में घोषित किया जा चुका है। तथा यहां इस मूर्ति के अलावा एक ट्राइबल म्यूजियम, एक गार्डन और बोटिंग फैसिलिटीज की सुविधा भी है। तथा यहां पहुंचने के लिए पैदल रास्ता, फोर लेन हाईवे की सुविधा और इसके पास में ही 52 कमरों का भारत भवन 3 स्टार होटल है। यहां से लोग सरदार सरोवर बांध के अलावा नर्मदा के 17 किमी लंबे तट पर फैली फूलों की घाटी का नजारा देख सकेंगे।
इस प्रतिमा के अनावरण के साथ ही यह चीन के स्प्रिंगफील्ड बुद्धा की 153 मीटर ऊंची मूर्ति प्रतिमा को पीछे छोड़ते हुए आधिकारिक तौर पर दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति बन गई। यह भी माना जाता है कि अमेरिका के 133 साल पुराने 'स्टेचू ऑफ लिबर्टी' को देखने आने वाले पर्यटकों से ज्यादा अब 'स्टेचू ऑफ यूनिटी' को देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या हो गई है। शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) द्वारा स्टेचू ऑफ यूनिटी को 8 अजूबों की लिस्ट में शामिल करना, निश्चित रूप से एक प्रेरणा के रूप में काम करेगा।