जन्माष्टमी के मौके पर भोग के लिए विशेष तौर से बनाई जाने वाली पंजीरी खाने में तो स्वादिष्ट होती ही है, सेहत के लिए भी उतनी ही फायदेमंद होती है। आइए पढ़ें 5 तरह की पंजीरी बनाने की सरल विधियां...
1. जन्माष्टमी का भोग : खसखस-मेवा की राजशाही पंजीरी
एक कड़ाही में घी गरम करके सभी मेवों को तलकर रख लें। ठंडे होने के पश्चात उसको मिक्सी में बारीक पीस लें। इसी घी में सूजी डालकर धीमी आँच पर गुलाबी होने तक भून लें।
सूजी हल्की गुनगुनी रहने पर उसमें शक्कर व खोपरे का बूरा तथा खसखस मिला दें। और साथ ही बारीक कूटे मेवे डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। लीजिए तैयार है कृष्ण की मनपसंद मेवा पंजीरी।
2. कृष्ण जन्माष्टमी का प्रसाद : राजगिरे की शाही पंजीरी
सामग्री :
100 ग्राम राजगिरे का आटा, 150 ग्राम शक्कर बूरा, 50 ग्राम किशमिश, 100 ग्राम सभी प्रकार के मेवों की कतरन, आधा चम्मच पिसी इलायची, पाव कटोरी तला व बारीक कूटा हुआ गोंद, कुछेक किशमिश, 150 ग्राम घी।
विधि :
सर्वप्रथम घी गरम कर राजगिरे का आटा डालकर धीमी आंच पर गुलाबी होने तक सेक लें।
सिका आटा थोड़ा ठंडा होने के पश्चात शक्कर बूरा और इलायची पावडर मिलाकर मिश्रण को एकसार कर लें। अब उसमें तला गोंद व मेवों की कतरन तथा किशमिश मिक्स कर दें। लीजिए तैयार है राजगिरे की राजशाही पंजीरी।
3. जन्माष्टमी विशेष : धनिया-मेवे की पंजीरी
सामग्री :
100 ग्राम साबुत खड़ा धनिया, 100 ग्राम पिसी शकर, छोटी पाव कटोरी कटे हुए मखाने, 25 ग्राम सूखे खोपरे के टुकड़े, काजू और बादाम की कतरन, 2
सर्वप्रथम मावे को किसनी से कद्दूकस करके धीमी आंच पर थोड़ा सा सेंक लें। अब उसमें धनिया पावडर डालें व दो-पांच मिनट भून लें। मिश्रण थोड़ा ठंडा होने के बाद खोपरा व शक्कर का बूरा डालकर मिक्स कर लें। अब उसमें पिसी इलायची व मेवों की कतरन डालकर मिश्रण को एकसार कर लें। तैयार है धनिए की पंजीरी।