nag panchami recipes : हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नागपंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता के पूजन के साथ ही उन्हें विशेष भोग अर्पित करने की भी पुरानी परंपरा रही है। आज के दिन नागराज की पूजा करके उन्हें मीठे व्यंजनों का भोग लगाया जाता हैं, जिसमें मीठा चूरमा या चूरमे के लड्डू या शाही खीर विशेष तौर पर प्रसाद के रूप में चढ़ाते हैं।
नागपंचमी की मान्यता के अनुसार इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि आज के दिन गैस की आंच पर तवा न रखा जाएं। इसी वजह से श्रावण शुक्ल पंचमी के दिन अधिकतर स्थानों पर दाल-बाटी बनाने की परंपरा चली आ रही है, जो कि यह व्यंजन हर घर में बनता है।
तो आइए यहां जानते हैं नागपंचमी पर नाग देवता को कौनसा भोग लगाएं और दाल-बाटी की रेसिपी, सरल विधि के माध्यम से...
विधि : पारंपरिक व्यंजन चूरमा-लड्डू बनाने के लिए सबसे पहले गेहूं के आटे में घी का अच्छा मोयन देकर कड़ा सान लें। फिर इसकी मुठियां बना लें। एक कड़ाही में घी गर्म करके बादामी तल लें। तत्पश्चात इन्हें हाथ से मसल कर बारीक कर लें, फिर मोटी चलनी से छान लें।
अगर हाथ से नहीं मसल सकते तो इमाम दस्ते में कूटकर छान लें। शेष बचे मोटे टुकड़ों को फिर से कूटकर छान लें। अब पिस्ता उबलते पानी में 2-3 मिनट रखकर निकाल लें। इन्हें छीलकर लंबे-लंबे महीन काट लें। मिश्री को दरदरा कर लें। केसर को गुलाब जल में घोटकर चीनी में मिला दें। मावे को मोटी चलनी से छानकर, मंदी आंच पर गुलाबी होने तक सेक लें। फिर इसमें गर्म करके ठंडा किया हुआ (100 ग्राम) घी मिला दें।
अब छने हुए मुठियां (आटे का तैयार किया हुआ मुठियां का बुरा) में मावा, चीनी, पिसी इलायची व पिस्ता की कतरन मिला दें। लीजिए तैयार है पारंपरिक शाही मीठा चूरमा। आप चाहें तो इसके लड्डू बना लें या चूरमा का भोग लगाएं।
विधि : जब खीर बनाना हो उससे पहले रवे को थोड़े से घी में हल्का गुलाबी होने तक सेंक लें। दूध को मोटे तले वाले बर्तन में लेकर गरम करके 10-15 उबाल लेकर पका लें। अब रवे को दूध में डाल दें। बीच-बीच में चलाती रहें। रवा और दूध का मिश्रण गाढ़ा होने के बाद चीनी डालें और पूरी चीनी घुलने तक दूध को लगातार चलाती रहें। बीच में छोड़े नहीं।
जब खीर अच्छी तरह गाढ़ी हो जाए तब उसमें मेवे की कतरन, इलायची डालें। एक अलग कटोरी में थोड़ा-सा गरम दूध लेकर केसर 5-10 मिनट के लिए उसमें गलाने के बाद केसर घोंट कर उबलती खीर में डाल दें। अब तैयार हो रही खीर की 5-7 उबाली लेकर आंच बंद कर दें। तैयार रवे की केसरिया शाही खीर से भोग लगाएं।
3. हरी चटनी कैसे बनाएं: 1 बड़ी कटोरी कटा हुआ हरा धनिया लेकर धोकर अलग रख लें। अब मिक्सी के छोटे जार में 2-3 हरी मिर्च टुकड़े करके डाल दें।
उसके साथ ही थोड़ा-सा जीरा और नमक डालें और हरी मिर्च को पीस लें। हरी मिर्च पीसने के पश्चात उसमें हरा धनिया डालें और बारीक महीन पीस लें। अब ऊपर से आधे नींबू का रस डालें और फिर 1-2 बार चटनी को मिक्सी में चला लें। लीजिए तैयार है आपकी ताजातरीन हरी चटनी।
4. बाटी की सामग्री : 500 ग्राम गेहूं आटा, 1 बड़ा चम्मच तेल/घी (मोयन के लिए), 1 चम्मच अजवाइन, 1 चम्मच सौंफ, एक छोटा चम्मच शकर, नमक, शुद्ध घी (बाटी परोसने के लिए)।
बाटी बनाने की विधि : नागपंचमी का पारंपरिक व्यंजन दाल-बाटी बनाने के लिए सबसे पहले गेहूं का आटा छान लें। अब आटे में उपरोक्त सामग्री डालकर मिक्स कर लें और गुनगुने पानी से गूंथ लें। 15-20 मिनट तक रखे रहने दें। उसके बाद आटे की गोल-गोल बाटियां बना कर गरम ओवन में रख दें। हर थोड़ी-थोड़ी देर में बाटी को पलटती रहें, ताकि बाटी जल न जाएं। धीमी आंच पर बाटी को गुलाबी होने तक सेकें। बाटी सिकने तक दाल व हरी चटनी तैयार कर लें।
दाल बनाने की विधि : सबसे पहले कुकर में दाल को धोकर 2-3 सीटी आने तक पकाएं। अब हरी मिर्च, अदरक, टमाटर, लहसुन व प्याज की प्यूरी बना लें। तेल गर्म करके उसमें राई-जीरा, खड़ा धनिया, हींग, नारियल बूरा डालें। अब प्यूरी डालकर भून लें। लाल मिर्च, हल्दी डालकर ग्रेवी तैयार बना लें और उबली दाल डालें।
अब नमक, नींबू का रस अथवा टाटरी और शक्कर डाल दें। अच्छी तरह 5-7 उबाली लें और ऊपर से हरा धनिया बुरक कर गैस बंद कर दें। लीजिए तैयार है बाटी के साथ खाने के लिए लजीज मंसूरी दाल। अब एक बर्तन में घी पिघलाकर बाटी को हाथ से दबाकर फोड़ें और घी में डुबोकर खीर या चूरमा लड्डू के साथ गरमा-गरम दाल-बाटी, हरी चटनी के साथ सर्व करें।