अर्थ- जहां धनी, श्रोत्रिय (वेदों का ज्ञाता), राजा, नदी और वैद्यराज न हों, वहां एक दिन भी निवास नहीं करना चाहिए।
2. श्रोत्रिय यानी विद्वान : जिस स्थान पर कोई ज्ञानी हो, वेद जानने वाला व्यक्ति हो, जहां सही गलत के निर्णय लेने वाला व्यक्ति हो वहां रहने से धर्म लाभ होता है। हमारा ध्यान पापकर्म की ओर नहीं जाता है।