ऐसे समय गुरुजी (श्री पुरुषोत्तम नारायण कोरान्ने) ने सुझाया कि एमवाय अस्पताल जाओ, क्योंकि वहां व्यक्ति दूरदराज से आता है। वह पीड़ित है और कामकाज छोड़कर यहां अपना इलाज करवाने आया है। गुरुजी की सलाह पर अस्पताल पहुंचे और वहां भोजन वितरण किया।
फिर सबने मिलकर तय किया कि अगले दिन फिर भोजन वितरण करवाया जाए...। सो अगले दिन फिर व्यवस्थाएं जुटाकर भोजन वितरण किया गया। बस अब क्या था? 30 लोगों की सूची अब 60 से ज्यादा लोगों की हो गई थी। तय हुआ कि रोज भोजन बांटा जाए। बस तब से लगातार अन्नपूर्णा मां की कृपा और भोजन सामग्री के प्रबंधकों के सहयोग से ये सिलसिला आज 150 दिन पूरे कर रहा है।