Indore Municipal Corporation scam: इंदौर नगर निगम (IMC) में नित नए घोटाले सामने आते जा रहे हैं। इसी कड़ी में कथित तौर पर एक और घोटाला सामने आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार देवगुराड़िया (Devguradia) स्थित ट्रेचिंग ग्राउंड (Trenching Ground) पर सूखा कचरा निपटान के लिए जिस कंपनी को 7 साल के लिए ठेका दिया गया था, उसे हर साल सवा करोड़ रुपए रॉयल्टी चुकानी थी। लेकिन कंपनी ने रॉयल्टी का एक भी रुपया नहीं चुकाया। इसके बावजूद स्मार्ट सिटी की तत्कालीन एमडी ने कंपनी को वर्ष 2021 में 7 वर्ष का एक्सटेंशन और दे दिया।
इस मामले के मामला उजागर होते से ही महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने सीएम को पत्र लिखकर तत्कालीन अफसरों पर कार्रवाई और जांच की मांग की है। वसूली के लिए कंपनी को नोटिस दिया है। साथ ही कलेक्टर को पत्र लिख अनुबंध निरस्त करने को कहा है।
कंपनी को चुकाने थे हर वर्ष सवा करोड़ रुपए : ट्रेचिंग ग्राउंड पर कचरा निपटान के लिए वर्ष 2017 में टेंडर जारी किए गए थे। नेफ्रा नामक कंपनी को नियम बदल टेंडर दिया था। स्मार्ट सिटी की तरफ से दिए टेंडर में एक शर्त यह भी थी कि कंपनी निगम संसाधनों का इस्तेमाल करेगी और बदले में हर साल सवा करोड़ रुपए रॉयल्टी चुकाएगी। 7 साल समाप्त होने पर कंपनी की परफॉर्मेंस का आकलन होगा। संतुष्ट हुए तो एक्सटेंशन मिलेगा।
लेकिन स्मार्ट सिटी की एनडी रहीं प्रतिभा पाल ने 2021 में ही कंपनी का तय समय के अलावा 7 साल के लिए एक्सटेंशन कर दिया। अनुबंध वर्ष 2028 तक हो गया। एमआईसी मेंबर अश्विनी शुक्ला ने इसकी शिकायत महापौर से की थी। इस मामले में महापौर के हाथ अहम दस्तावेज लगे हैं।
जांच में कई बड़े अफसर व जनप्रतिनिधि आएंगे शिकंजे में : अब निगम का बर्खास्त कर्मचारी असलम, उसके रिश्तेदारों की फर्म, पूर्व कार्यपालन यंत्री अभय राठौर, ग्रीन कंस्ट्रक्शन, नीव कंस्ट्रक्शन, किंग और क्षितिज इंटरप्राइजेज, डायमंड, कॉस्मो सहित अन्य फर्में ईडी के निशाने पर हैं।(फोटो सौजन्य : सोशल मीडिया)