इंदौर। इंदौर के एक पापड़ कारोबारी की इमारत निर्माणाधीन थी। इस इमारत में सुपरवाइजर बलराम राठौर की गोली लगने से मौत हो गई। सूचना मिलने के बाद पुलिस एक्शन में आई और मजदूरों के मध्य खड़े बलराम को गोली मारने वालों की तलाश में जुट गई। जांच-पड़ताल के बाद पता चला कि बलराम के सीने में धंसी गोली सीमा सुरक्षा बल (BSF) की रायफल से निकली थी।
इसी बीच पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर से पता चला कि बलराम के सीने में जो कारतूस मिला, वह 7.62 एमएम का है। इसका इस्तेमाल पैरामिलिट्री फोर्स द्वारा किया जाता है। इसके बाद पुलिस की जांच की दिशा ही बदल गई।
40 मजदूरों के बीच में आकर लगी थी गोली : डीसीपी जोन-3 डॉ. हंसराजसिंह घटना स्थल पर पहुंचे तो बताया कि बलराम को गोली लगी, उस वक्त करीब 40 मजदूर काम कर रहे थे। किसी ने भी गोली मारते और शूटर को भागते नहीं देखा। इससे भी पुलिस का शक फायरिंग रेंज पर गहराया।
पीएम रिपोर्ट के बाद अफसर बीएसएफ के अधिकारियों से मिले तो बताया सुबह बीएसएफ की रेवती रेंज (ब्रेवो) में जवानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा था। रेंज में करीब 25 जवान निशाने लगाने का प्रशिक्षण ले रहे थे। रेंज की दूरी घटनास्थल से करीब 2 किमी (एरियल डिस्टेंस) दूर पर है। टीआई लोकेशसिंह भदौरिया के मुताबिक गोली स्नाइफर रायफल से चली है। बीएसएफ में सामान्यत: प्रशिक्षण चलता रहा है। गोली ट्रेजेक्ट्री बनाते हुए आई होगी और सुपरवाइजर को लग गई होगी।