यह 10 जानकारी नहीं है तो आप में कमी है...

आपने तैरने के संबंध में कई ग्रंथ पढ़े होंगे, लेकिन यदि आपको तैरना नहीं आता है तो सब व्यर्थ है। कहते हैं कि जानकारी ही बचाव है। हम बहुत-सा ऐसा ज्ञान प्राप्त भी करते रहते हैं जिसकी जीवन में कोई उपयोगिता नहीं रहती है। व्यर्थ ही समय और पैसा कई अन्य बातों में खर्च करते रहते हैं। हम ऐसी भी बातें सुनते या देखते रहते हैं जिससे हमारे जीवन में नकारात्मकता का विकास होता है।
किताबी और प्रायोगिक ज्ञान को आप थ्योरी और  प्रैक्टिकल नॉलेज समझे। जीवन में दोनों ही तरह का ज्ञान जरूरी है। किसी भी विषय या क्षेत्र में कार्य करने से पहले उसकी जानकारी हासिल करना जरूरी है, फिर उसके व्यावहारिक या प्रोयोगिक पक्ष को समझना भी जरूरी है। यदि आप ‍जीवन में कोई-सा भी कार्य करने जा रहे हैं ‍तो पहले उसकी अच्छे से जानकारी एकत्रित कर लें।
 
आप अपने ‍जीवन को सुंदर और सुखद बनाना चाहते हैं तो यह समझना जरूरी है कि हमारे लिए कौन-सा ज्ञान महत्वपूर्ण है और कौन-सा व्यर्थ। हालांकि बहुत से लोगों को यह जानकारी होगी ही। यदि है तो अपनी इस जानकारी को अपडेट करते रहें। आओ जानते हैं कि ऐसी कौन-सी 10 तरह की जानकारी है जो आपके जीवन में काम आती है। हालांकि हमने यहां बहुत ही संक्षिप्त में बताया है..
 
अगले पन्ने पर पहली जानकारी...

धर्म और इतिहास की जानकारी : आप सोच रहे होंगे कि धर्म और इतिहास की जानकारी का संबंध जिंदगी या रोजमर्रा के जीवन से कैसे? दरअसल, यह जानकारी आपकी सोच को विस्तृत और सही बनाती है। साथ ही यह ज्ञान आपके जीवन में बहुत काम आता है। 
आपको बचपन में हिन्दू, बौद्ध, ईसाई, मुस्लिम, वामपंथी संस्कार मिले होंगे। हो सकता है कि आपको शियाओं या ब्राह्मणों के प्रति नफरत सिखाई गई हो या आप खुद ही इनसे नफरत करना सीख गए हों। तब आप जिंदगी में यह कभी नहीं जान पाएंगे कि सत्य क्या है। हां, यदि आप अपना कोई राजनीतिक या धार्मिक हित साधना चाहते हैं तो निश्चित ही सोचते रहें किसी के ‍भी खिलाफ। व्यवस्था और क्रांति के नाम पर आपको हांका जाएगा। आप यह सोचते हैं कि हम पढ़-लिखकर सोचने लगे हैं तो आप सचमुच ही व्यर्थ ही सोच रहे हैं।
 
सभी धर्मों की जानकारी और इतिहास की सभी दृष्टिकोण से जानकारी जरूरी है, तभी आपके मन और ‍मस्तिष्क में सही सोच का विकास होगा। धर्म और इतिहास को यदि आपने वामपंथ की नजर से देखा है तो आप कभी सही नहीं समझ पाएंगे। सभी धर्मों का अध्ययन सीधे-सीधे करना चाहिए। जैसे गीता, उपनिषद, कुरआन, बाइबल, गुरुग्रंथ साहिब, धम्मपद, समयसार,‍ जिनसूत्र आदि सभी को आप खुद पढ़ें और समझें। लगभग सभी प्रसिद्ध दार्शनिकों सहित वर्तमान में प्रचलित दार्शनिकों की किताबें पढ़ना चाहिए, लेकिन किसी से भी प्रभावित होने की जरूरत नहीं है।
 
देश और धर्म का इतिहास जानना भी जरूरी है। इतिहास में अधिकतर आपने राजाओं या राजनीतिज्ञों के ही बारे में पढ़ा होगा। स्कूलों में यही पढ़ाए जाते हैं, लेकिन आपको धर्मों के इतिहास का अध्ययन भी करना चाहिए।
 
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दवा और डॉक्टरी इलाज की जानकारी : यह जानकारी हमारे जीवन में बहुत काम की है, लेकिन इस जानकारी को हासिल करने के बाद आप किसी पर डॉक्टरी ज्ञान न झाड़ते रहें। बहुत से लोग इस जानकारी को हासिल करने के बाद डरे-डरे से भी लगते हैं, जो कि अनुचित है। यह जानकारी इसलिए कि आप वक्त के पहले खुद की सेहत की सुरक्षा कर सकें।
आप इसके लिए घरेलू नुस्खे, आयुर्वेद और एलोपैथी की किताबें पढ़ें। दवाइयों की डिक्शनरी भी बाजार में उपलब्ध है। आप अपने शरीर के भीतरी अंगों के बारे में अच्छे से जानकारी हासिल करें और यह अंग किस तरह कार्य करते हैं और क्या करने या खाने से ये अंग प्रभावित होते हैं, इस बारे में जानें। हर तरह की डॉक्टरी जांच और इलाज की जानकारी हासिल करें।
 
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कार्य में दक्षता, शिक्षा, करियर और व्यापार की जानकारी :  आप स्कूल या कॉलेज जाकर क्या करते हैं? हड़ताल, आंदोलन, गपशप या यूं ही ‍कुछ तो भी करके समय बर्बाद करते हैं? खैर आप कुछ भी करें लेकिन अंतत: यह सभी बाते काम नहीं आने वाली है। कार्य में दक्षता का अर्थ आप किसी काम को करने में कितने योग्य हैं। कार्य में दक्षता आती है आपकी सीखने की लगन और निरंतर अभ्यास से। ‍अधिक से अधिक कार्य सिखना जरूरी है। आपकी योग्यता ही आपको काम दिलाएगी। आपको हर वह कार्य सिखना चाहिए जो आपको रोजगार दिलाते हों। आपको भाषा और कम्प्यूटर में दक्ष होना चाहिए।
शिक्षा : शिक्षा संबंधी जानकारी में स्कूल और कॉलेज की जानकारी के अलावा वहां पढ़ाए जाने वाले विषय और प‍रीक्षा संबंधी जानकारी होना चाहिए। इसके अलावा आपको करियर, तकनीक, शिक्षा के प्रकार और भिन्न-भिन्न तरह के व्यापार, ट्रेनिंग, अनुसंधान, शोध, छात्रवृत्ति और रोजगार की जानकारी होना चाहिए।  
 
व्यापार : आपकी व्यापार में रुचि हो या न हो फिर भी इसकी जानकारी होना चाहिए। शेयर बाजार, वायदा बाजार, मंडी व्यापार, थोक और खेरची व्यापार, लघु उद्योग, घरेलू उद्योग आदि सभी की सामान्य जानकारी भी होना चाहिए। यह कभी भी काम आ सकती है।
 
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तकनीक और विज्ञान की जानकारी : तकनीक और विज्ञान दोनों एक ही हैं। विज्ञान से ही तकनीक का विकास होता है। जीवन के हर क्षेत्र में एक्सीलेंसी के लिए वैज्ञानिक सोच के साथ काम करना जरूरी है। इसके लिए तकनीक, वैज्ञानिक प्रयोग, विज्ञान के चमत्कार आदि सभी बातों को जानना चाहिए।
तकनीक : बाजार में कौन-सी नई तकनीक आई है, इसकी जानकारी अधिकतर लोगों को नहीं होती। जैसे जूता पॉलिश करने की ऑटो मशीन, कानों को साफ करने की ऑटो मशीन और किसी खास सितारों को देखने के लिए एक खास तरह की दूरबीन भी बाजार में उपलब्ध है।
 
विज्ञान : व्यक्ति को धर्म, राजनीति और इतिहास से ज्यादा जानकारी तकनीक और विज्ञान की होना चाहिए। विज्ञान में खगोल, भूगोल, भौतिक और गणित की जानकारी लाभदायक सिद्ध होती है। इसकी अच्छे से जानकारी आपके दिमाग को विस्तृत कर सोचने का दायरा बढ़ाती है। सही-सही वैज्ञानिक सोच का विकास होना जरूरी है। बाजार में बहुत-सी विज्ञान पत्रिकाएं उपलब्ध हैं। स्कूल और कॉलेज के कोर्स की विज्ञान की पुस्तकें पढ़ना चाहिए। इस ज्ञान को अपडेट करते रहना चाहिए।
 
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सरकार, कानून और सरकारी योजनाओं की जानकारी : आप जिस देश में रहते हैं, वहां की सरकार और सरकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानना चाहिए। सरकार कैसे बनती है। सरकार क्या है और सरकारी योजनाओं से कैसे लाभ प्राप्त किया जा सकता है, यह जानना जरूरी है। यह राजनीति और प्रशासन का विषय है।
सरकारी योजनाओं में जैसे पीएफ, पेंशन, शिक्षा, छात्रवृत्ति, आयकर, संपत्तिकर, गोल्ड योजना, प्रधानमंत्री रोजगार योजना, आवास योजना, जन-धन योजना, समेकित बाल संरक्षण योजना, जननी सुरक्षा योजना, शिक्षा फंड योजना, प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना आदि अनेक योजनाएं ऐसी हैं, जो आपके काम की हो सकती हैं।
 
आप जिस देश में रहते हैं वहां के संविधान और नियमों का पालन करना जरूरी है। नियमों के पालन करने में सभी का हित है। नियम विरुद्ध कोई कार्य करने से सभी का अहित होता है। इसीलिए आपको थोड़ी-बहुत देश-विदेश के कानून की जानकारी भी हासिल कर लेनी चाहिए, ताकि आपको कोई बेवकूफ न बना पाए। 
 
आपको लोन तथा क्रेडिट के मामले, पारिवारिक कानून, पड़ोसियों से झगड़े, फाइन एवं ट्रैफ़िक संबंधी अपराध, श्रम या नौकरी संबंधी कानून, उपभोक्ता कानून, फौजदारी कानून, घरेलू और पारिवारिक हिंसा, मोटर गाड़ियों की दुर्घटनाएं, भविष्य की योजना बनाना (वसीयत, मुख़्तारनामा, स्थाई संरक्षकता तथा कानून और आप से संबंधी आम जानकारी) आदि तरह के कानूनों की जानकारी होनी चाहिए।
 
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सामान्य ज्ञान और देश-विदेश की संस्कृति संबंधी जानकारी : सामान्य ज्ञान संबंधी बाजार में बहुत-सी पुस्तकें उपलब्ध हैं। बहुत से लोगों को यह ही नहीं मालूम है कि हमारे शहर का नक्‍शा कैसा है, आबादी कितनी है और विधायक एवं सांसद कौन हैं। सामान्य ज्ञान में और भी बहुत सारी बातें सम्मिलित ‍की जा सकती हैं। 
शहर, प्रदेश, देश और विदेश के पर्यटन स्थलों, वहां की संस्कृति, भूगोल, जनसंख्‍या, भाषा और खानपान आदि सभी की जानकारी देने वाली पुस्तकें भी बाजार में उपलब्ध हैं। इसकी सामान्य जानकारी होना जरूरी है। यह जानकारी आपके ‍जीवन में बहुत काम आएगी।
 
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मनोविज्ञान और स्वयं के बारे में जानकारी : अधिकतर लोगों को या तो दुनियाभर की जानकारी होती है या बिलकुल नहीं होती है, लेकिन बहुत कम लोग हैं, जिन्हें अपने बारे में जानकारी होती है कि मैं कैसा हूं और क्यों हूं। आप लोगों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं। क्या आपका व्यवहार और आपकी सोच किसी से प्रभावित है?
खुद के विचार और मन को समझना बहुत जरूरी है। आपके मन और मस्तिष्क में 24 घंटे में लगभग 60 हजार विचार उत्पन्न होते हैं। उसमें से कितने विचार ऐसे हैं जो आपने खुद ने जनरेट किए हैं? कभी आपने सोचा है कि आप दिनभर क्या-क्या सोचते रहते हैं? हो सकता है कि उसमें से ज्यादातर बातें नकारात्मक ही होती होंगी?
 
मन और मस्तिष्क के समझने के विज्ञान को ही मनोविज्ञान कहते हैं। मनोविज्ञान के विषय को पढ़ना जरूरी है। इससे आपको आपकी और दूसरे के मनोविज्ञान की जानकारी होगी। यह ज्ञान आपके जीवन में बहुत काम आएगा। इसके लिए आपको फ्रायड या जुंग की किताबें पढ़ने की जरूरत नहीं, बल्कि योग और गीता को पढ़कर ही इसे जाना जा सकता है।
 
विचार हमारे शत्रु हैं, फिर वह चाहे कैसे भी विचार हों। हमारे मन में कई तरह की विचारधारा हो सकती है या सिर्फ एक तरह की ही विचारधारा हो सकती है। हम राष्ट्रवादी हैं, साम्प्रदायिक, पूंजीवादी या साम्यवादी, हम किसी बाबा के चेले हैं या किसी नेता के, हम जातिवाद की भावना रखते हैं या वाममंथ की, लेकिन यह तय है कि आपके विचार सिर्फ विचारभर हैं, वे किसी भी काम के नहीं। न आपका धर्म महान है और न वामपंथ। दोनों का ही यदि अच्छे से इतिहास जानेंगे तो इससे दुनिया को कुछ भी हासिल नहीं हुआ। यह एक छलावा है। यह आपकी समझ को बंद कर देते हैं। किसी वाद से ग्रसित होकर सोचना एक व्यर्थ प्रक्रिया है।
 
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यात्रा और मनोरंजन की जानकारी : यात्रा हेतु देश-विदेश के तीर्थ एवं पर्यटन स्थलों की जानकारी होना जरूरी है। इसके अलावा देश-विदेश के नदी, पहाड़, जंगल, गुफा, घाटी, धार्मिक स्थल, प्राकृतिक स्थलों की अच्छे से जानकारी होनी जरूरी है। इसके अलावा वहां पहुंचने के सुगम साधनों, सुविधाओं और सुरक्षा संबंधी जानकारियों को भी जानना चाहिए।
यात्रा या पर्यटन की जानकारी के साथ ही जीवन में मनोरंजन का भी बहुत महत्व है। मनोरंजन के साधन संबंधी किताबें भी बाजार में उपलब्ध हैं। मनोरंजन वास्तव में मन का 'टॉनिक' और शरीर के लिए संजीवनी सुधा है। सच तो यह है कि यदि मनोरंजन न हो तो मनुष्य और पशु में कोई अंतर ही न रह जाए। देश और दुनिया में मनोरंजन के हजारों साधन हैं।
 
प्राचीनकाल में गीत, संगीत, नृत्य तथा नाटक आदि से भी लोग अपना मनोरंजन करते थे। इसके अलावा वे जुआ भी खेलते थे और अन्य अनेक क्रीड़ाओं में भाग लेते थे। जैसे- पशु-पक्षियों की लड़ाई का आयोजन, अस्त्र-शस्त्र संचालन तथा घुड़सवारी आदि से भी वे मनोरंजन करते थे। विशिष्ट अवसरों पर सामूहिक रूप से उत्सव और त्योहार मनाकर भी मनोरंजन किया जाता है।
 
आधुनिक युग में मनोरंजन के साधन बदल गए हैं। अब लोग थिएटर, सीडी, टीवी, रेडियो, मोबाइल, इंटरनेट, सर्कस, खेल (क्रिकेट, हॉकी, बैडमिंटन, शतरंज, ताश, चौपड़, केरम आदि) आदि से मनोरंजन करते हैं। मनोरंजन के सही और गलत इफेक्ट के बारे में भी जानना जरूरी है।
 
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भोजन और जीवन संबंधी वस्तुओं की जानकारी : हालांकि जो मिले, वही खा लें, इसी में भलाई है। खाने के प्रति लालसा नहीं रखनी चाहिए, लेकिन खाने की क्वालिटी से कभी समझौता नहीं करना चाहिए। भोजन से ही रोग उत्पन्न होते हैं और भोजन की आदत बदलने से ही रोग समाप्त भी हो जाते हैं।
देश और दुनिया के सभी तरह के भोजन की जानकारी रखेंगे तो आपको अच्छा लगेगा। कभी-कभी घर में परंपरागत भोजन से हटकर भी ऐसा भोजन बनाएं, जो आपके मन को खुशी दे। तरह-तरह के भोजन और उनको बनाने संबंधी जानकारी भी किताबी रूप में उपलब्ध हैं। 
 
इसके अलावा जीवनोपयोगी वस्तुओं की भी आपको जानकारी होनी चाहिए। जैसे बिजली की अनुपस्थिति में लालटेन, चिमनी, टॉर्च, हाथ पंखा होना चाहिए। गैस के न होने पर सिगड़ी, इंडक्सन या हीटर होना चाहिए। इसके अलावा मल्टीपल पेचकस, फोल्डिंग सीढ़ी, केतली, सुराही, नीम और अरंडी का तेल, चकमक पत्थर, फोल्डिंग डंडा, घट्टी, सिलबट्टा और खलबत्ता, रेत घड़ी एवं चुंबकीय दिशा सूचक कंपास या यंत्र, सूखे खाद्य पदार्थ, पानी फिल्टर मशीन आदि ऐसी हजारों वस्तुएं हैं, जो हमारे जीवन में काम आती हैं या अचानक आ सकती हैं।
 
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10.स्थानीय और परंपरागत ज्ञान : स्थानीय ज्ञान का अर्थ आपके आसपास का लोक ज्ञान जैसे स्थानीय भाषाएं, कहावतें, पूर्वजों की बातें, कहानी-किस्से, लोक कथाएं, लोक गीत, जनश्रुतियां आदि।
परंपरागत ज्ञान का अर्थ जैसे आप जंगल में हैं और अंधेरा होने वाला है और आग जलाने का कोई साधन नहीं है, लेकिन आपको यह ज्ञान है कि 'चकमक पत्थर' से आग जलाई जा सकती है तो आप आग जला लेंगे। इसी तरह के कई परंपरागत ज्ञान होते हैं जिसका उपयोग प्राचीनकाल के लोग करते थे। आधुनिककाल में मनुष्य वह ज्ञान खो बैठा है।
 
गांव के लोग आज भी अपने परंपरागत ज्ञान के आधार पर यह जान लेते हैं कि बारिश कब होगी, तूफान आ सकता है या नहीं। इसके अलावा वे बगैर घड़ी के समय बता देते हैं, जंगल में भटकने के बाद दिशा जान लेते हैं, कई किलोमीटर दूर से ही देखकर नदी के होने का अनुमान लगा लेते हैं और पशु-पक्षियों में हलचल जानकर शेर या सांप के होने का अनुमान लगा लेते हैं। इसके अलावा किसी व्यक्ति का परंपरागत तरीके से बुखार, जहर, पीलिया आदि उतार देते हैं। ऐसी हजारों बाते हैं ‍जो परंपरागत ज्ञान के अंतर्गत आती हैं। इस संबंध में किताबें भी मिलती हैं। 
 
छात्र कितना ही खराब या अच्छा हो, लेकिन उसे ये बातें पसंद नहीं आती हैं- सीखना, पढ़ना, परीक्षा, डांटना और दंड। उसे पसंद हैं, उसकी प्रशंसा, कैंपस में भाषण देना, समय बिताना, गाने गाना, सिगरेट पीना, इश्‍क लड़ाना, वल्गर बातें करना और राजनीतिक आंदोलनों में भाग लेना। न मालूम हम कब थोक में वैज्ञानिक पैदा करने लगेंगे। अभी तो थोक में कट्टरपंथी और नेता पैदा हो रहे हैं।
 
अंत में वैंसे हो सकता है कि उपरोक्त 10 के अलावा भी आप कुछ एड करना चाहते हों तो अच्छा है।

 (समाप्त)

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