पिछले हफ्ते 41 वर्षीय कौर बर्मिंघम मजिस्ट्रेट कोर्ट के सामने पेश हुई थी, जिसने उसे 12 महीने की सामुदायिक सजा सुनाई। यदि किसी दोषी व्यक्ति का अपराध जेल की सजा देने लायक नहीं होता है तो न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट सामुदायिक आदेश सुना सकता है।
आईओपीसी के क्षेत्रीय निदेशक डेरिक कैंपबेल ने कहा, पुलिस अधिकारी केवल तभी बल प्रयोग कर सकता है जब यह आवश्यक, आनुपातिक और परिस्थितियों की दृष्टि से उचित हो। महिला पुलिस अधिकारी के पास उस लड़के पर हमला करने का कोई पुलिसिंग उद्देश्य या अन्य उचित कारण नहीं था, क्योंकि अधिकारी को कोई वास्तविक खतरा नहीं था।
अदालत ने कहा कि यदि वह (पूर्व अधिकारी) अब भी पुलिस कांस्टेबल के रूप में सेवा कर रही होती तो उसे बर्खास्त कर दिया गया होता। कौर को कॉलेज ऑफ पुलिसिंग की प्रतिबंधित सूची में भी शामिल किया जाएगा, ताकि उसे भविष्य में ब्रिटिश पुलिस सेवा में नौकरी करने से रोका जा सके।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour