ह्यूस्टन। अमेरिका में एक सड़क के नीचे एक सुरंग से एक बच्ची का शव मिलने के एक दिन बाद तीन वर्षीय भारतीय बच्ची शेरीन मैथ्यूज के पिता वेस्ले मैथ्यूज को गिरफ्तार कर लिया गया है।
बच्ची का शव मैथ्यूज के घर से एक मील से भी कम की दूरी पर मिला है। बच्ची शेरीन को वेस्ले मैथ्यूज ने गोद लिया था। शेरीन नामक यह बच्ची उस समय लापता हो गई थी जब उसके भारतीय अमेरिकी पिता वेस्ले मैथ्यूज (37) ने दूध पूरा नहीं पीने पर उसे डांटा था और सजा के तौर पर देर रात घर से कथित रूप से बाहर निकाल दिया था। मैथ्यूज ने बिहार के एक अनाथालय से दो साल पहले बच्ची को गोद लिया था।
तीन वर्षीय शेरीन मैथ्यूज विकास संबंधी समस्या से ग्रसित है और उसे बात करने में दिक्कत होती है। उसे घर से बाहर निकाले जाने के बाद अंतिम बार सात अक्तूबर को टेक्सास के रिचर्डसन शहर में उसके घर के पीछे वाले हिस्से में देखा गया था।
पुलिस सार्जेंट केविन पेरलिच ने बताया कि वेस्ले को कल शाम गिरफ्तार किया गया और उस पर बच्ची को चोट पहुंचाने के आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि वेस्ले और उसका अटॉर्नी स्वयं रिचर्डसन पुलिस थाने पहुंचे और उन्होंने बच्ची के लापता होने के बारे में उसके मूल बयान से अलग बयान दिया।
पेरलिच ने कहा, ‘हमें पहले जो घटनाक्रम बताया गया था, उसने हमें उससे अलग घटनाक्रम बताया।’
पेरलिच ने बताया कि जांचकर्ता चिकित्सकीय जांचकर्ता कार्यालय की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं ताकि इस बात की पुष्टि की जा सके कि यह शव शेरीन का है या नहीं। साथ ही मौत के कारण का भी पता चल सके।
दो सप्ताह से भी अधिक समय से लापता शेरीन के माता-पिता उनके घर के पास एक छोटे बच्चे का शव मिलने के 24 घंटों के भीतर टेक्सास चाइल्ड प्रोटेक्टिव सर्विसेज (सीपीएस) के अधिकारियों के साथ जज के सामने पहुंचे। वे अपने चार वर्षीय जैविक बच्ची के संरक्षण के संबंध में जज के समक्ष पहुंचे। शेरीन के लापता होने के कुछ ही दिनों बाद सीपीएस बच्ची को घर से ले गया था। उसे ‘फोस्टर केयर’ में रखा गया है।
वेस्ले ने अटॉर्नी के जरिए इस मामले में और समय की मांग की ताकि वह संरक्षण संबंधी सुनवाई में उसका प्रतिनिधित्व करने के लिए दीवानी मामलों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील की सेवाएं ले सके। इस समय उसके पास आपराधिक मामलों की पैरवी करने वाला वकील ही है।
जज ने यह अनुरोध स्वीकार कर लिया और आगे की सुनवाई के लिए 13 नवंबर की तारीख तय की, लेकिन साथ ही कहा कि चार वर्षीय बच्ची तब तक ‘फोस्टर केयर’ में रहेगी।
जज ने कहा कि इससे सीपीएस को भी ह्यूस्टन के दक्षिण पश्चिम में करीब 40 मील दूर फोट बेंड काउंटी में यह अध्ययन करने का समय मिलेगा कि क्या वहां कोई संबंधी या पारिवारिक मित्र जरूरत पड़ने पर बच्ची के संरक्षण की जिम्मेदारी निभा सकते हैं। (भाषा)