नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने ऑटोमेटेड टेस्ट ड्राइव ट्रैक बिछाने के लिए वर्ष 2018 के मध्य तक की अवधि तय की है। ऑटोमेटेड टेस्ट ड्राइव ट्रैक पर आवेदकों की वाहन चलाने की दक्षता जांची जाती है जिसके बाद विभाग उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस प्रदान करता है।
शहर की सड़कों पर वाहनों की बढ़ती संख्या और ड्राइविंग लाइसेंस आवेदकों की संख्या में इजाफा को देखते हुए सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने तथा सुचारू यातायात सुनिश्चित करने के लिये ड्राइविंग दक्षता में सुधार लाने की आवश्यकता महसूस की गयी है।
मौजूदा प्रारूप में टेस्ट ड्राइव अभ्यास में कई संसाधनों एवं उचित निगरानी की कमी देखी जाती है जिसके चलते यह आरोप लगते हैं कि कम दक्षता वाले आवेदकों को भी जांच में पास कर उन्हें लाइसेंस दे दिया जाता है।
आवेदक की ड्राइविंग दक्षता की जांच के लिए ऑटोमेटेड टेस्ट ड्राइव ट्रैक में सेंसर, सीसीटीवी कैमरे और विशेष गतिशील मार्ग बने होंगे। (भाषा)