एडिनबरा। म्यांमार के एक भालू, न्येन हतू के ब्रिटेन में एक असाधारण जीभ के चलते ऑपरेशन किए गए ताकि उसकी बहुत सारी समस्याओं को हल किया जा सका। एक ब्रिटिश टेबलायड में संवाददाता अलेक्जेंड्रा रिचईस ने लिखा है कि इसकी जीभ सूजकर तीन किलोग्राम से ज्यादा की हो गई थी और उसे इसे मुंह में रखना बहुत मुश्किल हो गया था।
भालू और इसकी सूजी हुई जीभ का यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबरा में ऑपरेशन किया गया और उसकी एक बड़ी सर्जरी की गई तभी उसकी बहुत बड़ी जीभ से जुड़ी समस्याएं खत्म हो सकीं। म्यांमार के इस भालू का नाम न्येन हतू इतनी बढ़ी हो गई थी कि यह मुंह से बाहर निकरकर फर्श पर घिसटती थी।
अपनी इस जीभ के चलते न्येन हतू न तो खा पी सकता था और न ही इसका चेहरा बिगड़ जाने की की आशंका थी। पहले इसका जीवन स्तर सुधारने के लिए एक चार घंटों का ऑपरेशन किया गया था जिसकी मदद से उसकी जीभ के टिश्यूज की आधी संख्या को कम करना थी। यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबरा के पशु चिकित्सकों ने उसका ऑपरेशन किया था।
समाचार के अनुसार उसे बौद्ध भिक्षुओं ने चीन में भालुओं का अवैध कारोबार करने वाले लोगों के चंगुल से छुड़ाया था। जब देखा गया कि भालू के बच्चे की जीभ असामान्य रूप से लंबी थी। बौद्ध भिक्षुओं ने एक स्थानीय पशु चिकित्सक से सम्पर्क किया जिन्होंने ब्रिटेन के शेफील्ड में रहकर पढ़ाई की थी।
एक चिकित्सक ने इस क्षेत्र के एक बड़ी जानकार से सम्पर्क किया। डॉक्टर हीथर बेकन यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबरा के रॉयल स्कूल ऑफ वेटरिनरी स्टडीज की विशषज्ञ थीं। सुश्री बेकन और उनकी टीम ने म्यांमार के उस पशु संरक्षण केन्द्र का दौरा दिया ताकि भालू का इलाज किया जा सके। न्येन हतू एक एशियाटिक काला भालू है जिसे मून बीयर कहा जाता है। इसकी छाती पर आधे चांद जैसे चिन्ह बने हुए थे।
न्येन की उम्र केवल दो वर्ष की है लेकिन इस बात की जानकारी नहीं हो सकी है कि उसकी जीभ क्यों इतनी सूज गई। कुछ पशुचिकित्सकों का कहना है कि यह बीमारी मच्छरों से फैलने वाला संक्रमण है जिसे इलीफेंटियासिस कहा जाता है। कहा जाता है कि न्येन की इस बीमारी को लेकर भालुओं में ऐसी कोई पूर्व जानकारी नहीं है, असलिए संभव है कि वह पहला प्राणी हो जिसे परजीवियों ने प्रभावित किया हो।
पिछले वर्ष भी सूजन से निजात दिलाने के लिए उसकी सर्जरी की गई थी लेकिन इससे उसे थोड़ी सी ही राहत मिली क्योंकि उसकी जीभ फिर से सूजने लगी है। लेकिन हाल ही में, उसकी एक और सर्जरी की गई और लगता है कि इससे उसकी समस्या समाप्त हो गई है। उसकी नई सर्जरी के बाद बताया गया है कि वह आसानी से भोजन कर सकेगा, अपनी स्वाभाविक स्थितियों में सो सकेगा और बिना किसी बाधा के आसानी से घूम फिर सकेगा। फिलहाल उसे वियतनाम के एनीमल्स एशिया बीयर रेस्क्यू सेंटर की एक नर्स कैरोलाइन नेल्सन की देखरेख में रखा गया है।