Attack on stall: निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन (Taslima Nasreen) की पुस्तकों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एक समूह ने ढाका में पुस्तकों के एक स्टॉल (stall) पर धावा बोल दिया और इसके बाद बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) ने इस अनुशासनहीन व्यवहार की जांच के आदेश दिए हैं। मीडिया खबरों में यह जानकारी दी गई है।
इसमें कहा गया है कि समूह ने प्रकाशक को घेर लिया और नारेबाजी की जिसके बाद पुलिस ने हस्तक्षेप किया और व्यवस्था बहाल करने के लिए पुलिस, सब्यसाची के प्रकाशक शताब्दी वोबो को अपने नियंत्रण कक्ष में ले गई। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस नियंत्रण कक्ष को घेर लिया जिससे तनाव बढ़ गया। खबर के अनुसार व्यापक आलोचना के बाद मुख्य सलाहकार यूनुस ने सोमवार शाम को प्राधिकारियों को आदेश दिया कि वे जिम्मेदार लोगों को न्याय के दायरे में लाएं।
हालांकि बांग्ला अकादमी ने सोमवार को स्पष्ट कर दिया कि उसने किसी भी स्टॉल को बंद नहीं किया और किसी भी पुस्तकों पर प्रतिबंध भी नहीं लगाया है। अंतरिम सरकार में वास्तविक मंत्री और बांग्लादेश के भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के प्रमुख नेता महफूज आलम ने कड़ी चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि भीड़ हिंसा में शामिल होने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
'तौहीदी जनता' समूह को संबोधित करते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि अगर वे हिंसक कृत्यों में लिप्त होते हैं, कानून तोड़ने के आरोप में बिना किसी चेतावनी के उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। महफूज ने यह टिप्पणी सोमवार को उस समय की जब नसरीन की कविता की किताब की बिक्री को लेकर गुस्साए लोगों के एक समूह ने स्टॉल पर धावा बोल दिया। खबर में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में इस्लामी पोशाक पहने कुछ लोग स्टॉल के सामने भीड़ लगाए हुए हैं और अंदर मौजूद एक व्यक्ति को कान पकड़कर माफी मांगने के लिए मजबूर कर रहे हैं।(भाषा)