नोबेल विजेता प्रो. मोहम्मद यूनुस नहीं लगा पा रहे हैं बांग्लादेश की अर्थव्यस्था की नैया पार, चीन से लगाई गुहार, रूस ने क्यों दी डेटलाइन
बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट 'दे डेली स्टार' ने बताया है कि बांग्लादेश के वित्त मंत्रालय के आर्थिक संबंध प्रभाग (ERD) ने इस सप्ताह की शुरुआत में इस संबंध में बीजिंग को एक पत्र भेजा है। वर्तमान में चीनी कर्ज पर ब्याज दर 2-3 प्रतिशत के बीच है, जिसे 20 साल में चुकाया जाना है।
इसी हफ्ते बुधवार को अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए देश की खराब आर्थिक स्थिति का जिक्र किया था। उन्होंने बताया था कि बांग्लादेश का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से घट रहा है। इस पर दबाव को कम करने के लिए बांग्लादेश विदेशी कर्ज के लिए कम ब्याज दर और विस्तारित पुनर्भुगतान की मांग कर रहा है।
अडानी ने दी थी चेतावनी : अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार को चेतावनी दी थी। यह चेतावनी अडानी ग्रुप को दिए जाने वाले पेमेंट में देरी के कारण दी है। अडानी ग्रुप बांग्लादेश को बिजली सप्लाई करता है। बांग्लादेश पर अडानी ग्रुप का कुल 800 मिलियन डॉलर यानी 80 करोड़ डॉलर (6720 करोड़ रुपए) का कर्ज है। इसमें से करीब 500 मिलियन डॉलर (करीब 4200 करोड़ रुपए) का पेमेंट ओवरड्यू हो गया है। कर्ज की यह रकम लगातार बढ़ती जा रही है। अगर बांग्लादेश इसे चुकाने में देरी करता है तो बांग्लादेश को दी जाने वाली बिजली की सप्लाई पर असर पड़ सकता है।
रूस ने दी 15 सितंबर तक की डेटलाइन : रूस ने बांग्लादेश से रूपपुर न्यूक्लियर पावर प्लांट के लिए दिए गए कर्ज का ब्याज चुकाने को कहा है। यह ब्याज 630 मिलियन डॉलर (करीब 5,300 करोड़ रुपए) है। रूसी अधिकारियों ने ब्याज चुकाने के लिए 15 सितंबर तक की डेटलाइन दी है। बिजनेस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक रूसी अधिकारियों ने 21 अगस्त को बांग्लादेश की इकोनॉमिक रिलेशन डिविजन (ERD) को चिट्ठी लिखी थी। यह चिट्ठी अब जाकर स्थानीय पत्रकारों तक पहुंची है।