खबरों के अनुसार, यहां गांव के निवासियों ने शिकायत की है कि उन्हें प्रदूषण वाली सर्दियों का सामना करना पड़ रहा है। इस वजह से सफेद बर्फ गिरने की जगह काली बर्फ गिर रही है।इस गांव में कोयले से जलने वाले गर्म पानी का प्लांट है, जो यहां के 4 हजार लोगों को जरूरी गर्मी प्रदान करता है। इसके चलते कालिख और धूल की वजह प्रदूषण भी बढ़ गया है।
यहां साल 2019 में भी ऐसा हो चुका है, जिसका वीडियो वायरल हो रहा है। इस महीने यहां पर तापमान -50 डिग्री के नीचे तक पहुंच गया और इस वजह से यहां पर बड़े पैमाने पर कोयला जलाया गया है, जिसकी वजह से यहां पर बर्फ के ऊपर काले धुएं की परत जम गई।
घरों को -50 डिग्री सेल्सियस के तापमान में गर्म रखने के लिए ताप संयंत्रों को बिजली देना जरूरी है। धुएं को इकट्ठा करने वाले उपकरण ताप संयंत्रों में लगाए गए हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि वर्तमान में वे सफाई करने में सक्षम नहीं हैं।