डॉयचे वेले (DW) जर्मन अंतरराष्ट्रीय प्रसारणकर्ता (broadcaster) है और 30 भाषाओं में मल्टीमीडिया कंटेंट उपलब्ध करवाता है। डॉयचे वेले की शुरुआत 1953 में हुई, जबकि इसका पहला प्रसारण जर्मन भाषा में हुआ। 2003 तक इसका मुख्यालय जर्मनी के कोलोन शहर में था, लेकिन वर्तमान इसका मुख्यालय बॉन में है और इसके महानिदेशक पेटर लिम्बुर्ग हैं।
बर्लिन, हैम्बर्ग और म्युनिख के बाद कोलोन जर्मनी का चौथा सबसे बड़ा शहर है। कोलोन, राइन नदी के दोनों तरफ बसा हुआ है। शहर का मशहूर कोलोन कैथेड्रल, कोलोन के कैथोलिक आर्कबिशप का निवास है। कोलोन विश्वविद्यालय यूरोप के सबसे पुराने और बड़े विश्वविद्यालयों में से एक है।
डॉयचे वेले का शाब्दिक अर्थ जर्मन तरंगें होता है। DW का टेलीविजन प्रसारण राजधानी बर्लिन से होता है। इंटरनेट सेवाएं बर्लिन और बॉन दोनों शहरों से संचालित होती हैं। मंथन के नाम से डॉयचे वेले के विज्ञान और तकनीक टीवी शो का प्रसारण होता है, जो कि काफी लोकप्रिय है। इसके साथ ही इको इंडिया के नाम से पर्यावरण संबंधी टीवी शो भी प्रसारित होता है।
हिंदी के अलावा बांग्ला और उर्दू में डॉयचे वेले की सेवाए हैं। डीब्ल्यू की हिन्दी सेवा के प्रसारण की शुरुआत 1964 में हुई थी। किसी समय इसका प्रसारण संस्कृत भाषा में भी होता था। डॉयचे वेले हिंदी फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद है।
इसके हिंदी यूट्यूब चैनल की शुरुआत 2012 में हुई, जबकि 2009 में हिंदी का ट्विटर चैनल शुरु हुआ। डॉयचे वेले का अंग्रेजी, अरबी, स्पैनिश और जर्मन भाषाओं में टेलीविजन प्रसारण होता है। वहीं, 10 भाषाओं में रेडियो प्रोग्राम का प्रसारण भी होता है।
डॉयचे वेले द्वारा ग्लोबल मीडिया फोरम के नाम से अंतरराष्ट्रीय मीडिया कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जाता है। इसमें 140 देशों के 2000 से ज्यादा प्रतिभागी भाग लेते हैं। ये सभी लोग सामाजिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा में भाग लेते हैं।
डॉयचे वेले को बजट केन्द्र सरकार उपलब्ध करवाती है। संसाधनों का किफायती इस्तेमाल कर यह मीडिया संस्थान पर्यावरण की सुरक्षा में भी अहम योगदान देता है। शांतिपूर्ण और स्थिर विश्व समुदाय डॉयचे वेले का लक्ष्य है।