ग्लास्गो में हो रहे कॉप26 जलवायु शिखर सम्मेलन के बीच बेहद चिंताजनक खबर सामने आई है। कनाडा की एक बुजुर्ग महिला जलवायु परिवर्तन से बीमार पड़ने वाली दुनिया की पहली मरीज बन गई है। इस महिला को दुनिया की पहली मरीज बताया जा रहा है। मरीज कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत की एक सीनियर सिटीजन हैं और गंभीर अस्थमा से जूझ रही हैं।
इस महिला को सांस लेने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है। मरीज की जांच कर रहे डॉक्टरों ने कहा है कि लू और खराब वायु गुणवत्ता (Air Quality Index) मरीज की स्वास्थ्य स्थिति के लिए जिम्मेदार है।
कनाडा के दैनिक अखबार टाइम्स कॉलमनिस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला का इलाज कर रहे कंसल्टिंग डॉक्टर केली मैरिट ने 10 साल में पहली बार मरीज का डायग्नोसिस लिखते समय जलवायु परिवर्तन शब्द का इस्तेमाल किया।
इस महिला को सांस लेने में दिक्कत होने समेत कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
इस महिला की जांच कूटने लेक अस्पताल के डॉ. काइल मेरिट ने की थी। डॉ. मेरिट के अनुसार इस साल की शुरुआत में चली गर्म हवाओं के चलते इस महिला को एक साथ कई स्वास्थ्य समस्याओं ने घेर लिया है।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष कनाडा और अमेरिका के कुछ हिस्सों में रिकॉर्ड तोड़ लू चली थी। इसके चलते यहां सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। अकेले ब्रिटिश कोलंबिया में लू के चलते 233 लोगों की मौत हो गई। इसके पीछे का कारण जलवायु परिवर्तन को ही माना जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार बहुत ज्यादा तापमान पहले से बीमार लोगों की स्थिति को और गंभीर कर सकता है।
दिल्ली में भी हालात खराब : उल्लेखनीय है राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में पराली जलाने एवं पटाखों के कारण वायु गुणवत्ता का स्तर काफी खराब हो गया था। इसमें अभी भी पूरी तरह सुधार नहीं हुआ है। इसके लोगों की आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश आदि समस्याएं आम हैं।