विश्व आर्थिक मंच सम्मेलन में यहां भाग लेने आई कोचर ने कहा कि वित्तीय बचत में निवेश में नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद से काफी तेजी आई है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था का औपचारिकरण और बैंकिंग लेनदेन का डिजिटलीकरण नोटबंदी के सबसे मुख्य फायदों में है। कोचर ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) तथा देश में हुए अन्य सुधारों के बाबत कहा कि सरकार ने कई संरचनात्मक सुधार किए हैं जिससे अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है।
उन्होंने कहा, सरकार एक उत्कृष्ट नीतिगत ढांचा, समुचित वित्तीय प्रबंधन, मौद्रिक नीति ढांचे को मजबूत बनाने, महंगाई के जोखिम को कम करने, कारोबार सुगमता बढ़ाने और डिजिटल प्रौद्योगिकी को अपनाए जाने पर जोर दे रही है।
उन्होंने कहा, जीएसटी और नोटबंदी जैसी मुहिमों ने अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने तथा बचत के वित्तीयकरण को तेज किया है। इन बदलावों से प्रतिमान गढ़े जा रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि सरकार अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने वाले कदम पर जोर देते रहेगी।
उन्होंने आगे कहा कि नोटबंदी का दूसरा बड़ा असर बैंकिंग लेनदेन के डिजिटलीकरण में तेजी है। नोटबंदी के दौरान नवंबर 2016 में मासिक यूपीआई लेनदेन 10 लाख रहे थे जो दिसंबर 2017 में बढ़कर 14.5 करोड़ पर पहुंच गया। मोबाइल बैंकिंग लेनदेन भी लगभग दोगुना होकर अक्टूबर 2017 में करीब 15 करोड़ पर पहुंच गया। कोचर ने कहा कि इसी तरह नोटबंदी के बाद डेबिट कार्ड लेनदेन भी लगभग दोगुना हुआ है। (भाषा)