भारत की 4 महिलाओं ने लगाए चार चांद, 100 शक्तिशाली नामों में शुमार
विश्व की 100 सबसे शक्तिशाली महिला में भारत की 4 महिलाएं
विश्व की 100 शक्तिशाली महिलाओं की फोर्ब्स ने ताजा सूची जारी की है। इस सूची में भारत की 4 शख्सियतें शामिल हैं। शोभना भरतिया, चंदा कोचर, अरुंधति भट्टाचार्य और किरण मुजूमदार शॉ यह चार ऐसे नाम है जिन्होंने वैश्विक स्तर पर भारत की गरिमा में चार चांद लगाए हैं। आइए जानें इन महिलाओं के व्यक्तित्व और कृतित्व के बारे में और उससे पहले जानते हैं इन 100 शक्तिशाली महिलाओं में सबसे पहले नंबर पर आने वाली जर्मनी की एंजेला मार्केल के बारे में -
एंजेला मार्केल
फोर्ब्स मैगजीन व्दारा जारी 2015 की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में प्रथम
उम्र - 60
पद - जर्मन चांसलर
पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी के विलय के पश्चात् चुनी गईं पहली संसद में एंजेला मार्केल, पूर्वी जर्मनी से चुन कर आईं।
2005 में जर्मनी की पहली महिला चांसलर चुनी गई
आर्थिक मंदी को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान
कई यूरोपीय देशों को मंदी से उबारना में मदद
जर्मनी औद्योगिक क्षेत्र में, वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में, पर्यावरण की रक्षा के क्षेत्र में अग्रणी देश है।
पिछले 10 सालों में 7वीं बार विश्व की 100 शक्तिशाली महिलाओं की सूची में शामिल।
अमेरिकी मैग्जीन 'फोर्ब्स' द्वारा तैयार की गई इस 12वीं सालाना सूची में भट्टाचार्य को 30वें, कोचर को 35वें, मजूमदार शॉ को 85वें और भरतिया को 93वें स्थान पर रखा गया है। सूची में भारतीय मूल की इंद्रा नूई (पेप्सीको प्रमुख) और पद्मश्री वॉरियर (सिस्को की चीफ टेक्नोलॉजी स्ट्रेटेजी ऑफिसर) भी हैं। सूची में जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल को पहले स्थान पर रखा गया है।
(दुनिया की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सालाना सूची में चार भारतीय महिलाएं भी शामिल हैं। इनमें एसबीआई की प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्य, आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख चंदा कोचर, बायोकॉन की संस्थापक किरण मजूमदार शॉ और एचटी मीडिया की चेयरपर्सन शोभना भरतिया हैं।)
अरुंधति भट्टाचार्य , उम्र- 59 वर्ष
फोर्ब्स मैगजीन द्वारा जारी साल 2015 की 100 शक्तिशाली महिलाओं में 30वें स्थान पर
अक्टूबर 2013 में पदग्रहण के बाद भारतीय स्टेट बैंक की 24वीं एवं पहली महिला चेयरपर्सन।
करियर -सन 1977 में बतौर प्रोबेशनरी ऑफिसर भारतीय स्टेट बैंक में शुरूआत करने के बाद 36 साल के करियर में बैंक के विभिन्न विभागों में काम किया।
एसबीआई के न्यूयॉर्क स्थित ऑफिस में कार्य करने के पश्चात वे एसबीआई कैपिटल मार्केट्स की मैनेजिंग डायरेक्टर भी रहीं।
इसके साथ ही एसबीआई के दो शताब्दियों के इतिहास में सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाली पहली महिला अरुंधति भारत की पहली और एकमात्र ऐसी महिला है जो फॉर्च्यून 500 की लिस्ट में आने वाली किसी भी भारतीय कंपनी का प्रतिनिधित्व करती है।
एसबीआई 15000 शाखाओं तथा संपूर्ण भारत के बैंक डिपोज़िट में 22% हिस्सेदारी के साथ भारत का सबसे बड़ा बैंक है और इसकी शीर्ष नेता होने के साथ ही वह भारत की सर्वाधिक शक्तिशाली महिलाओं में शुमार हो गई हैं।
चंदा कोचर
100 शक्तिशाली महिलाओं की सूची में 35 वां स्थान
उम्र - 53 वर्ष
पद - दिसंबर 2008 से आईसीआईसीआई बैंक की मुख्य कार्यकारी ऑफिसर एवं प्रबंध निदेशक
करियर- 1993 में एक कोर टीम मेंबर के रूप में आईसीआईसीआई बैंक में शामिल चंदा कोचर 1994 में पदोन्नत होकर बैंक की महाप्रबंधक बनीं।
1996 में उप महाप्रबंधक के साथ ही आईसीआईसीआई की नवगठित कमेटी की अध्यक्ष रही।
1998 में बतौर महाप्रबंधक पदोन्नत होने के बाद आईसीआईसीआई प्रमुख् ग्राहक समूह का नेत़त्व किया
1999 में आईसीआईसीआई का ई फाइनेंस विभाग संभाला।
जुलाई 2000 में कोचर के नेत़त्व में बैंक ने खुदरा व्यापार शुरू किया जो भारत में सबसे बड़े खुदरा व्यापार और वित्तदाता के रूप में उभरा।
2001 में चंदा कोचर ने आईसीआईसीआई बैंक में शीर्ष निदेशक का पदभार ग्रहण किया।
शोभना भरतिया
उम्र - 58 वर्ष
साल 2015 की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में 93वां स्थान
पद- हिंदुस्तान टाइम्स अध्यक्ष
करियर - हिंदुस्तान मीडिया ग्रुप में फाइनेंशियल और संपादकीय दखल रखने वाली शोभना ने 1986 में हिन्दुस्तान ग्रुप में प्रवेश किया
ये शुरूआत भारत की पहली नेशनल अखबार की चीफ एग्जिक्यूटिव केके बिड़ला की पुत्री शोभना ने कुछ समय के लिए बिड़ला इंस्टीट़यूट ऑफ टेक्नोलॉजी का चांसलर पद संभाला। इसके बाद यूपीए सरकार द्वारा राज्यसभा के सदस्य के रूप में नॉमिनेट हुई।
शोभना भरतिया चेरिटेबल मेडिकल सेंटर्स अैर डिस्पेंसरीज के क्षेत्र में सक्रिय रही।
अपने फाउंडेशन द्वारा साहित्य, स्पोर्ट्स और विज्ञान संबंधी उपलब्धियों को प्रमोट करने में भी सक्रिय रूप से भाग लिया।
1996 में वर्ल्ड इकोनॉमी व्दारा शोभना भरतिया को ग्लो बल लीडर ऑफ टुमारो अवॉर्ड से नवाजा गया।
इसके साथ ही बिजनेस वुमन ऑफ द ईयर 2001, नेशनल प्रेस इंडिया अवॉर्ड 1992, बिजनेस वुमन अवॉर्ड और द इकोनॉमिक्स टाइम्स अवॉर्ड से भी उन्हें सम्मानित किया गया है।
किरण मजूमदार शॉ
2015 की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में 85वां स्थान
उम्र- 62 वर्ष
पद- बायोकॉन अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक व सिनजीन इंटरनेशनल लिमिटेड और क्लिनिजीन इंटरनेशनल लिमिटेड की अध्यक्ष हैं।
करियर- 1978 में आयरलैंड स्थित कॉर्क के बायोकॉन कैमिकल्स लिमिटेड से प्रशिक्षु प्रबंधक के रूप में जुड़कर करियर की शुरूआत की।
1978 में ही अपनी आरंभिक पूंजी 10,000 यूरो के साथ बैंगलोर में किराए का मकान लेकर गैरेज में बायोकॉन शुरू किया।
1989 में बायोकॉन की पहली जैव प्रौद्योगिकी कंपनी बनी,जिसे अमेरिका से धन प्राप्त हुआ।
1990 में बायोकॉन के उन्नत आंतरिक अनुसंधान प्रोग्राम को ट्रेडमार्क युक्त प्रौद्योगिकी पर आधारित बनाया।
1996 में तीन गुना विस्तार होने के बाद बॉयोकॉन ने जैव फार्मास्युटिकल और स्टैटिन के क्षेत्र में प्रवेश किया।
1998 में यूनिलीवर अपनी हिस्सेदारी बायोकॉन में भारतीय प्रमोटरों को बेचने पर सहमत हुआ और बायोकॉन एक स्वतंत्र संस्था बन गई।
2004 में, पूंजी बाजार तक पहुंचने के लिए बायोकॉन के शोध कार्यक्रमों की पाइप लाइन को विकसित करने का फैसला किया।
2005 और 2010 के बीच फार्मास्यूटिकल्स और जैव फार्मास्यूटिकल्स के अन्य सौदों में उन्होंने कदम रखा'
वर्ष 2007-08 में अमेरिका के एक प्रमुख व्यापार प्रकाशन, मेड एड न्यूज ने बायोकॉन को दुनिया भर की जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों में 20वां और दुनिया के सबसे बड़े नियोक्ताओं में 7वां स्थान दिया। बायोकॉन को सर्वश्रेष्ठ सूचीबद्ध कंपनी का 2009 का बायोसिंगापुर एशिया पेसिफिक बायोटेक्नोलॉजी पुरस्कार भी मिला।