Chandrayaan 2 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) भले ही विक्रम लैंडर (Vikram Lander) को चन्द्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग में कामयाब नहीं हो पाया हो, लेकिन उसके वैज्ञानिकों का लोहा दुनिया भर ने माना है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) विक्रम लैंडर से संपर्क करने की कोशिशें कर रहा है।
खबरों के अनुसार ISRO अपने डीप स्पेस नेटवर्क (डीएसएन) के साथ भारत के चंद्रमा लैंडर तक सिग्नल भेजने व संपर्क स्थापित करने के लिए लगातार कोशिशें कर रहा है। अब उसे इसमें नासा NASA का साथ भी मिल गया है। इसरो के एक अधिकारी के अनुसार (NASA) की जेट प्रोफेशनल लेबोरेटरी (JPL) विक्रम को रेडियो सिग्नल भेज रही है।
खबरों के अनुसार 'चंद्रमा के विक्रम के साथ संचार लिंक फिर से स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह प्रयास 20-21 सितंबर तक किए जाएंगे, जब तक सूरज की रोशनी उस क्षेत्र में होगी, जहां विक्रम की लोकेशन मिली है।
चांद की सतह छूने से सिर्फ 2.1 किमी पहले चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का इसरो से संपर्क टूट गया था। इसके बावजूद मिशन 99.5 प्रतिशत सफल रहा। चन्द्रमा के चक्कर लगा रहे ऑर्बिटर ने भी लैंडर की लोकेशन का पता लगाया था और इसकी थर्मल इमेज भी भेजी थी।