China enraged by Quad summit : चीन की सरकारी मीडिया ने क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) पर बीजिंग और उसके पड़ोसियों के बीच मतभेद पैदा करने के लिए फूट डालो और राज करो की रणनीति अपनाने का रविवार को आरोप लगाया। चार सदस्यीय समूह के शिखर सम्मेलन में हिंद-प्रशांत साझेदारी का विस्तार करने का निर्णय लेने के एक दिन बाद यह आरोप लगाया गया।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की मेजबानी में क्वाड नेताओं का शिखर सम्मेलन शनिवार को उनके गृह नगर विलमिंगटन, डेलावेयर में हुआ। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भाग लिया। चीन की सरकारी मीडिया ने कहा कि इस सम्मेलन में चीन को नियंत्रित करने की रणनीति पर ध्यान केंद्रित किया गया था।
चीन के विदेश मंत्रालय ने हालांकि शिखर सम्मेलन पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन हांगकांग के साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने अपनी खबर में कहा कि किसी भी मायने में क्वाड शिखर सम्मेलन अपने 17 साल के इतिहास के दौरान चार देशों के ढांचे के लिए एक उल्लेखनीय बदलाव का संकेत है।
सरकारी अखबार चाइना डेली के संपादकीय में कहा गया है, बाइडन प्रशासन ने यह समझाने के लिए बहुत प्रयास किए कि क्वाड ने अपने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साझेदारों की प्राथमिकताओं को कैसे पूरा किया है।रविवार देर शाम यहां जारी संपादकीय में कहा गया है, चारों नेताओं के संयुक्त वक्तव्य या शिखर सम्मेलन के तथ्य पत्र में चीन का हालांकि कोई उल्लेख नहीं है लेकिन शिखर सम्मेलन के समापन के बाद अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन द्वारा आयोजित आधे घंटे के संवाददाता सम्मेलन में चीन का कम से कम 20 बार उल्लेख किया गया।
इसमें कहा गया है, अमेरिका हालांकि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते तनाव के लिए चीन को दोषी ठहराता है, लेकिन क्वाड के अन्य तीन सदस्यों समेत सभी क्षेत्रीय देश अच्छी तरह जानते हैं कि इसका मुख्य कारण अमेरिका द्वारा इस क्षेत्र में फूट डालो और राज करो की रणनीति को लागू करना है, जिसके तहत वह चीन और उसके पड़ोसियों के बीच मतभेद पैदा करने के लिए हरसंभव उपाय कर रहा है।
इसमें कहा गया है कि इस प्रक्रिया में वाशिंगटन को यह एहसास हो गया है कि क्वाड अन्य तीन सदस्य देशों को अपने साथ नहीं जोड़ सकता है और न ही अन्य क्षेत्रीय देशों को आकर्षित कर सकता है, क्योंकि उन सभी के चीन के साथ घनिष्ठ और व्यापक व्यापारिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंध हैं। (भाषा)