खबर के अनुसार, यह ड्रोन समुद्र तल से करीब 20 किलोमीटर की ऊंचाई पर अंतरिक्ष के करीब उड़ान भर सकेगा। इस क्षेत्र को विज्ञान में ‘डेथ जोन’ भी कहा जाता है क्योंकि हवा के बहुत कम दबाव और बेहद कम तापमान के कारण यहां उड़ान भरना मुश्किल होता है और बैटरी जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बंद होने की पूरी आशंका होती है।
हांगकांग के अखबार ‘साऊथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ में प्रकाशित खबर के अनुसार, चीन में विकसित इस नए ड्रोन ने ‘डेथ जोन’ में आने वाली परेशानियों पर काबू पा लिया है। यह सैन्य खुफिया जानकारी एकत्र करने की दिशा में चीन की महत्वाकांक्षी योजना के लिए बहुत बड़ी सफलता है।