डेटा लीक के बाद Facebook ने सेटिंग्स में किए बड़े बदलाव

गुरुवार, 29 मार्च 2018 (13:05 IST)
ब्रसेल्स। सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने करोड़ों उपयोगकर्ताओं के डाटा लीक होने के खुलासे के बाद उनके निजी डाटा पर अधिक नियंत्रण देने के लिए बुधवार को बड़े बदलावों की घोषणा की। गत 17 मार्च को फेसबुक का डाटा लीक होने की खुफिया रिपोर्ट के बाद कंपनी को शेयर बाजार में 100 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है। डाटा लीक के खुलासे के बाद में फेसबुक के शेयरों में लगभग 18 प्रतिशत की गिरावट आई है।


कंपनी के चीफ प्राइवेसी ऑफिसर एरिन एगन ने कहा, फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग की पिछले सप्ताह की घोषणा के मुताबिक हम आने वाले सप्ताहों में कुछ ऐसे बदलाव करेंगे जिनसे उपयोगकर्ताओं को अपनी निजी जानकारी पर ज्यादा नियंत्रण हासिल हो सकेगा। इसके अलावा फेसबुक पर प्राइवेसी सेटिंग्स और मेन्यू को भी आसान बनाया जा रहा है ताकि उपयोगकर्ता उनमें आसानी से बदलाव कर सकें।

फेसबुक में नए प्राइवेसी शॉर्टकट मेन्यू भी बनाए जा रहे हैं जिनसे उपयोगकर्ताओं को अपने अकाउंट और निजी जानकारियों पर पहले से ज्यादा नियंत्रण रहेगा। इसके तहत उपयोगकर्ता इसकी समीक्षा कर सकेंगे कि उन्होंने क्या शेयर किया है और उसे डिलीट कर सकेंगे। इसके अलावा वे सभी पोस्ट जिन पर उपयोगकर्ता ने रिएक्ट किया है, जो फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी है और फेसबुक पर जिसके बारे में सर्च किया है, सभी की समीक्षा की जा सकेगी।


अपना सकते हैं ये सिक्योरिटी ऑप्शन
 


उपयोगकर्ता फेसबुक के साथ शेयर किए डाटा को डाउनलोड भी कर सकेंगे। इसमें अपलोड किए गए फोटो, कांटेक्ट्स और टाइमलाइन पर मौजूद पोस्ट को डाउनलोड किया जा सकेगा तथा किसी दूसरी जगह शेयर किए जाने की भी सुविधा होगी। आने वाले हफ्तों में कंपनी अपनी टर्म ऑफ सर्विस और डाटा पॉलिसी को अच्छी तरह से उपयोगकर्ता के सामने रखेगी और ये बताएगी कि उनसे किस तरह की जानकारी ली जा रही है और उसका क्या उपयोग किया जा रहा है।

सीईओ जुकरबर्ग ने इस पर माफी मांगते हुए फेसबुक पर लिखा था कि उपयोगकर्ताओं के डाटा को गोपनीय रखने को लेकर उनकी कंपनी ने गलती की है। किसी के निजी डाटा का गलत इस्तेमाल रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

गौरतलब है कि अमेरिकी और ब्रिटिश मीडिया ने दावा किया है कि ब्रिटिश कंसल्टेंसी कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका ने पांच करोड़ फेसबुक उपयोगकर्ताओं के डाटा का अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में गलत इस्तेमाल किया था। अमेरिका में 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने इस कंपनी की सेवाएं ली थीं। (वार्ता)

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