रातोडेरो (पाकिस्तान)। दक्षिण पाकिस्तान के लरकाना में रहमाना बीबी के दस साल के बेटे अली रजा को एक दिन बुखार हुआ तो मां को इसमें कुछ भी असामान्य नहीं लगा। लेकिन, जब हकीकत सामने आई तो उनके होश उड़ गए। पता चला है कि लरकाना जिले के एक गांव में तो ज्यादातर लोग एचआईवी की चपेट में आ चुके हैं। जिले में एचआईवी पीड़ितों की संख्या 500 के लगभग बताई जा रही है।
चिंतित बीबी रजा को अस्पताल ले गई जहां चिकित्सा जांच में पुष्टि हो गई कि लड़का एचआईवी पॉजिटिव है। वह उन 500 लोगों में शामिल है जो एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें से ज्यादातर बच्चे हैं। रहमाना बीबी ने गुरुवार को कहा कि जबसे हमने सुना है कि हमारा बेटा एचआईवी पॉजिटिव है, हम उस दिन से बहुत दुखी हैं।
बीबी ने कहा कि यह जानकर दिल टूट गया कि हमारा बच्चा इतनी कम उम्र में एचआईवी की चपेट में आ गया। उन्होंने बताया कि उनके परिवार के सभी सदस्यों का टेस्ट किया गया, लेकिन केवल रजा ही एचआईवी पॉजिटिव पाया गया। सिंध प्रांत में एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के प्रमुख सिकंदर मेमन ने बताया कि अधिकारियों ने लरकाना के 13 हजार 800 लोगों की जांच की और उसमें 410 बच्चे तथा 100 वयस्क एचआईवी पॉजिटिव पाए गए।
डॉक्टर की लापरवाही : माना जा रहा है कि डॉक्टर की लापरवाही से के चलते HIV संक्रमण हुआ है। डॉक्टर द्वारा दूषित सिरिंज से इंजेक्शन लगाए जाने के कारण यह बीमारी फैली है। डॉक्टर को इस माह की शुरुआत में ही गिरफ्तार कर लिया गया था। स्थानीय पुलिस प्रमुख वसीम राजा सुमरू ने बताया कि डॉक्टर मुजफ्फर घंघरू को पिछले सप्ताह हिरासत में लिया गया था।