टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक खोखर ने शनिवार को कहा कि कश्मीर घाटी में मारे गए आतंकी की याद में 19 जुलाई को काला दिवस मनाने से जुड़े पाकिस्तान के फैसले के पीछे भी दबाव की राजनीति ही काम कर रही थी। उन्होंने कहा कि शुरुआत में इस घटना पर हमारी प्रतिक्रिया सधी हुई थी। वहीं, बाद में पाकिस्तान की मीडिया और लोगों के दबाव को देखते हुए सरकार को अपना रुख बदलना पड़ा। मामले से लोगों का इमोशनल जुड़ाव होने लगा था।
उन्होंने कहा कि हमें हालात को हाथ से बाहर कतई नहीं जाने देना होगा। वैसे यह सारा कुछ भारत के स्टैंड पर निर्भर है कि वह मामले से कैसे निपटता है। पाकिस्तान भारत के ऐसे हालात खेलना नहीं चाहता, लेकिन हमारे पास मामले को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नोटिस में लाने की बाध्यता है।