संयुक्त राष्ट्र संघ। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिकी दौरा संयुक्त राष्ट्र संघ के मंच से अपनी बात रखने के साथ ही समाप्त हो गया। शुक्रवार को सभागार के बाहर भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों का प्रदर्शन चर्चा में रहा। पाक समर्थक जहां कश्मीर को लेकर काफी नारेबाजी कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर बड़ी संख्या में आए भारतीय समर्थक उन पर भारी पड़ रहे थे।
तिरंगे झंडों के साथ आए भारतीय समर्थक अपने डांस और उत्साह लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे। इस पूरे सेशन का प्रमुख मुद्दा कश्मीर पर केंद्रित था। संयुक्त राष्ट्र के मंच से अपने 17 मिनट के संबोधन में मोदीजी ने साफ कर दिया कि 'भारत ने बुद्ध दिया है दुनिया को, युद्ध नहीं।'
सभागार के बाहर मोदी का एकतरफा समर्थन : उसके बाद जब इमरान खान की बारी आई तो वे 50 मिनट तक 'इस्लामिक फोबिया' को लेकर ही बोलते रहे लेकिन सभागार के बाहर मौजूद लोगों का एकतरफा समर्थन मोदीजी को था। बस, कश्मीर को लेकर कुछ इस्लामिक समर्थक भड़के हुए थे। लोग कश्मीर में हो रहे telecommunications cut और केंद्र सरकार के रवैये के कारण नाखुश हैं।
UN में मोदीजी के संबोधन की तारीफ : संयुक्त राष्ट्र संघ में मोदीजी के संबोधन की बहुत तारीफ हुई, क्योंकि वे अकेले भारत के विकास की नहीं बल्कि दुनिया के छोटे से छोटे देश की भलाई के लिए काम कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन से मेरी रूबरू बातचीत हुई।
भारत को कश्मीर मुद्दे पर 70 देशों का समर्थन : UN में मैं पॉलिसी और SDG एक्सपर्ट की हैसियत से मौजूद था। सैयद अकबरुद्दीन ने मुझे बताया था कि भारत को कश्मीर मुद्दे पर 70 देशों का समर्थन मिला है और सभी का मत था कि भारत को स्थायी रूप से संघर्ष को हल करना चाहिए और POK को भी भारत का हिस्सा बनना चाहिए।
इमरान खान की सभी स्तर पर निंदा : मोदी जी ने इस बार संयुक्त राष्ट्रसंघ में 2 बार संबोधित किया। दोनों ही प्रसंगों पर मोदीजी ने खूब सारी तारीफें बटोरी। इसके उलट इमरान खान रहे। इमरान खान ने अपने संबोधन में परमाणु युद्ध की जो बात कहीं, उसकी चारों तरफ निंदा हो रही है। यहां पर लोग, मीडिया, राजनयिक और दूसरे देशों के नेता भी इमरान के संबोधन की निंदा कर रहे हैं।
भारत के साथ है अमेरिका : परमाणु युद्ध के संदर्भ में अमेरिका भारत के साथ हैं। अमेरिका ने राजनयिक स्तर पर भी यह बात साफ कर दी है कि भारत उनका नंबर एक दोस्त है। और किसी भी तरह से भारत से जंग करने का मतलब उसका संबंध अमेरिका से भी होकर रहेगा। ये जज्बा ह्यूस्टन में आयोजित 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम में भी दिखा, जब ट्रंप और मोदी हाथों में हाथ लिए पूरा समय साथ-साथ दिखे।
(लेखक इंदौर निवासी हैं और एप्पल कंपनी के पूर्व प्रोडक्ट मैनेजर रहे हैं)