बीजिंग। चीन ने पूर्वी लद्दाख में उसकी और भारत की सेनाओं के बीच गतिरोध समाप्त करने के लिए नई दिल्ली के साथ समझौता होने की मंगलवार को पुष्टि की। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत और चीन दोनों देशों की सीमा से संबंधित मुद्दों पर राजनयिक और सैन्य माध्यमों के जरिए निकट संपर्क में रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अब दोनों पक्ष प्रासंगिक मामलों पर एक समाधान पर पहुंच गए हैं जिसकी चीन बहुत सराहना करता है। चीन इन प्रस्तावों को लागू करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करेगा। हालांकि, उन्होंने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया।
हो सकती है मोदी-जिनपिंग की मुलाकात : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रूस यात्रा के बीच भारत और चीन के बीच हुए इस समझौते को काफी अहम माना जा रहा है। ब्रिक्स सम्मेलन के चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी वहां पहुंचने वाले हैं। ऐसे में मोदी और जिनपिंग के बीच बातचीत भी हो सकती है।
भारत ने की थी घोषणा : भारत ने सोमवार को घोषणा की थी कि भारतीय और चीनी वार्ताकार पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त के लिए एक समझौते पर सहमत हुए हैं। इस समझौते को पूर्वी लद्दाख में चार वर्ष से अधिक समय से जारी सैन्य गतिरोध के समाधान की दिशा में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद भारत और चीन के बीच संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए थे। यह झड़प पिछले कुछ दशकों में दोनों पक्षों के बीच हुई सबसे भीषण सैन्य झड़प थी।