लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को इस प्रस्ताव को लेकर यूरोपीय संसद के अध्यक्ष डेविड मारिया सासोली को लिखा था कि एक विधायिका के लिए दूसरे पर निर्णय पारित करना अनुचित है और निहित स्वार्थों से इस प्रथा का दुरुपयोग किया जा सकता है। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भी भारत के रुख को दोहराते हुए कहा था कि देश के आंतरिक मामलों में बाहरी हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है।