G20 Summit : जी-20 बैठक में आर्थिक महाशक्तियों का जमावड़ा, जलवायु परिवर्तन, कोविड और कॉरपोरेट टैक्स पर चर्चा, दुनिया के बड़े नेताओं से मिले PM मोदी

Webdunia
शनिवार, 30 अक्टूबर 2021 (22:08 IST)
रोम / नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां जी20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन शनिवार को पूरी दुनिया में कंपनियों पर कम से कम 15 प्रतिशत की दर से कर लगाने के निर्णय पर सहमति का स्वागत किया।
 
मोदी ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को अधिक भरोसेमंद बनाने पर भी जार दिया और कहा कि भारत कोविड19 महामारी के बुरे दौर में भी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को समर्थन जारी रखा। सम्मेलन के पहले दिन प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 की बैठक में न्यूतम 15 प्रतिशत की दर से वैश्विक कार्पोरेट कर लागने पर सहमति को स्वागत योग्य प्रगति बताया।
 
विदेश सचिव ने कहा कि वास्तव में यह हमारे लिए बड़े संतोष का विषय है। वैश्विक स्तर पर काम करने वाली कंपनियों पर न्यूनतम कर लगाने की जरूरत सबसे पहले प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ही उठायी थी। मोदी ने, ठीक ठीक कहें तो जी20 के 2014 के शिखर सम्मेलन में यह प्रस्ताव किया था। उन्होंने कहा कि जी-20 ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया है। यह भारत के लिए संतोषजनक है।

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PM @narendramodi interacting with leaders during the @g20org Summit in Rome. pic.twitter.com/YsQHpl7bMk

— PMO India (@PMOIndia) October 30, 2021 >
जी7 के मंच पर भी इस प्रस्ताव को स्वीकार किया जा चुका है तथा कुछ एक को छोड़ कर ओईसीडी के अधिकतर देश इसके साथ सहमति दर्ज कर चुके हैं। श्रृंगला ने कहा कि अभी कंपनियां कर से बचने के लिए अपनी आय उन देशों/क्षेत्रों में दिखाती है जहां उन्हें कम से कम कर देना पड़े। न्यूनतम वैश्विक कार्पोरट कर से करापवंचन के मामलों में वैश्विक सहयोग बढ़ेगा और देशों के कराधार के क्षरण जैसी समस्याओं से निपटने में मदद मिलेगी।
 
प्रधानमंत्री मोदी कोरोना वायरस महामारी के गंभीर दौर के समय ही वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की विश्वसनीयता पर जोर देते आ रहे हैं।

गौरतलब है कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में चीन जैसे कुछ देशों पर बहुत अधिक निर्भरता के कारण महामारी के दौर में कई देशों में मास्क, पीपीटी किट और दस्ताने जैसी बहुत जरूरी चीजों की आपूर्ति के भी लाले पड़ गए थे। भारत जैसे देशों में आज भी मोटरवाहन और अन्य उद्योग कंप्यूटर चिप और अन्य उपकरणों की कमी के कारण मांग के अनुरूप उत्पादन और आपूर्ति नहीं बढ़ा पा रहे हैं। 
 
दुनिया के नेताओं से मुलाकात: भारत में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा ट्वीट की गई तस्वीरों में प्रधानमंत्री मोदी को बाइडन, फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात करते हुए देखा जा सकता है। पीएमओ ने ट्वीट में लिखा कि रोम में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनेक नेताओं से बातचीत की।
 
तस्वीरों में मोदी को बाइडन के साथ घूमते हुए देखा जा सकता है जिसमें लग रहा है कि वे हल्की-फुल्की बातचीत कर रहे हैं। दोनों नेता प्रसन्न मुद्रा में देखे जा सकते हैं। बाइडन ने 24 सितंबर को व्हाइट हादस में मोदी की मेहमाननवाजी की थी जो उनकी पहली वैयक्तिक मुलाकात थी। अन्य तस्वीरों में मोदी को मैक्रों, ट्रूडो और जॉनसन के साथ देखा जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई-इन, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग समेत अन्य नेताओं से भी बातचीत की।
 
इससे पहले जी20 सम्मेलन में शामिल हो रहे मोदी समेत विश्व के सभी नेता एक ‘फेमिली फोटो’ के लिए एकत्रित हुए। पीएमओ ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि विश्व के नेताओं ने जी20 सम्मेलन के लिए रोम में मुलाकात की। यह वैश्विक अच्छाई के लिए महत्वपूर्ण बहुपक्षीय मंच है।’’
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The interactions at the @g20org Summit continue.

Here are some glimpses. pic.twitter.com/FSzzhsMP47

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प्रधानमंत्री मोदी की रोम यात्रा से पहले विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि जी20 दुनिया में प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के साथ भारत की सहभागिता के लिए और वैश्विक आर्थिक विकास के लिए नियम बनाने के लिहाज से एक मूल्यवान मंच बना हुआ है।
 
प्रधानमंत्री मोदी इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रागी के निमंत्रण पर जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 30-31 अक्टूबर को रोम की यात्रा पर रहेंगे। इटली पिछले साल दिसंबर से जी20 का अध्यक्ष है।  जी20 एक अग्रणी वैश्विक मंच है जो दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को साथ लाता है। रोम में आयोजित सम्मेलन में जी20 के सदस्य देशों, यूरोपीय संघ और अन्य आमंत्रित देशों के राष्ट्र प्रमुख एवं शासनाध्यक्ष तथा कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।