दलित छात्र का सपना होगा पूरा, SC ने मजदूर के बेटे को दिलाया IIT में दाखिला, कहा- पैसे की तंगी से बर्बाद न हो यंग टैलेंट
उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर का गरीब छात्र अतुल कुमार अब IIT धनबाद में पढ़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 30 सितंबर को दाखिला देने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपनी असाधारण शक्ति का प्रयोग करते हुए आईआईटी धनबाद को एक दलित छात्र को एडमिशन देने का निर्देश दिया। यह छात्र फीस जमा करने की समय सीमा चूक जाने के कारण अपनी सीट खो बैठा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पैसे की तंगी के चलते यंग टैलेंट बर्बाद नहीं होना चाहिए।
सिर्फ 4 दिन शेष बचे थे
दलित छात्र को आईआईटी धनबाद में अपना एडमिशन सुरक्षित करने के लिए 17,500 रुपए फीस देनी थी। फीस जमा करने के लिए 4 दिन थे। छात्र के पिता, जो एक दिहाड़ी मजदूर हैं, ने अपनी तरफ से हरसंभव कोशिश की, लेकिन फीस जमा करने की समय-सीमा चूक गए। छात्र का आईआईटी जाने के सपने पर ब्रेक लग गया।
पिता ले गए अदालत में
इसके बाद छात्र के पिता इस लड़ाई को अदालत में ले गए। तीन महीने तक, पिता ने एससी/एसटी आयोग, झारखंड और मद्रास उच्च न्यायालयों के चक्कर काटे। अंत में, जब कुछ भी काम नहीं आया, तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने आईआईटी को छात्र को प्रवेश देने का आदेश दिया।
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि हमारा मानना है कि याचिकाकर्ता जैसे प्रतिभाशाली छात्र को वंचित नहीं किया जाना चाहिए, जो हाशिए पर पड़े समूह से ताल्लुक रखता है और जिसने प्रवेश पाने के लिए हरसंभव प्रयास किया। हम निर्देश देते हैं कि अभ्यर्थी को आईआईटी-धनबाद में प्रवेश दिया जाए तथा उसे उसी बैच में रहने दिया जाए, जिसमें फीस का भुगतान करने की सूरत में उसे प्रवेश दिया गया होता। इनपुट एजेंसियां