लंदन। कुख्यात आतंकवादी संगठन आईएसआईएस ने कुर्दिश-दानिश युवती जोआना पलानी की हत्या करने वाले को 10 लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग 7 करोड़) का इनाम देने की पेशकश की है, जिसने वर्ष 2014 में सीरिया तथा इराक में आतंकी गुट से लड़ने के लिए यूनिवर्सिटी की पढ़ाई तक छोड़ दी थी।
समाचारपत्र 'द इन्डिपेन्डेन्ट' के मुताबिक, जोआना पलानी इस वक्त जेल में बंद है, और जून, 2015 में यात्रा पाबंदी लगाए जाने के बाद देश छोड़ देने के आरोप में कोपेनहेगन में मुकदमे का सामना कर रही है।
मुकदमे की सुनवाई मंगलवार से ही शुरू हो रही है, और यदि जोआना दोषी करार दी गई, तो उसे डेनमार्क से मध्यपूर्व तक आईएस आतंकियों के आने-जाने को रोकने से जुड़े नए कानूनों के तहत दो वर्ष कैद की सजा हो सकती है।
जोआना पलानी ने पिछले साल पुलिस द्वारा उसका पासपोर्ट जब्त कर लिए जाने के तुरंत बाद फेसबुक पर लिखा था, 'मैं कैसे डेनमार्क या किसी और देश के लिए खतरा बन सकती हूं, जबकि मैं खुद उस आधिकारिक सेना का हिस्सा हूं, जिसे डेनमार्क ही (आईएसआईएस के खिलाफ) लड़ने के लिए प्रशिक्षित करता है, और समर्थन देता है।'
जब वर्ष 2014 में आईएसआईएस उभरने लगा, तो उनके खिलाफ लड़ने के लिए कुर्दिश आंदोलन में शिरकत करने की खातिर जोआना पलानी ने राजनीति विषय की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। उसने इस आतंकी संगठन के खिलाफ उत्तरी सीरिया में कुर्दिश पीपल्स प्रोटेक्शन यूनिटों (वाईपीजी) तथा इराक में पेशमेग्रा फौज की तरफ से लड़ाई लड़ी।