यरुशलम। इजराइल ने गाजा की 20 लाख की आबादी के लिए खाद्य, ईंधन, दवाएं और अन्य आपूर्ति रोक दी है जिससे कीमतें बढ़ गई हैं तथा मानवीय सहायता समूह शेष भंडार को सबसे कमजोर लोगों तक वितरित करने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे हैं। सहायता पर रोक से सहायताकर्मियों की वह प्रगति खतरे में पड़ गई है जो उन्होंने पिछले 6 सप्ताहों में इजराइल और हमास के बीच जनवरी में हुए संघर्षविराम समझौते के प्रथम चरण के दौरान भुखमरी से निपटने के लिए हासिल की थी।
करीब 16 महीने के युद्ध के बाद गाजा की आबादी पूरी तरह से बाहर से आने वाली खाद्य सामग्री और अन्य सहायता पर निर्भर है। ज्यादातर लोग अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं और कई लोगों को आश्रय की जरूरत है। अस्पतालों, पानी के पंपों, बेकरियों और दूरसंचार के साथ ही सहायता पहुंचाने वाले ट्रकों को चालू रखने के लिए ईंधन की जरूरत है।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को कहा कि वह दबाव बढ़ाने के लिए तैयार हैं और अगर हमास नहीं झुकता है तो वह गाजा की बिजली काटने से भी नहीं हिचकेंगे। अधिकार समूहों ने इस कदम को भुखमरी नीति कहा है। नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल की संचार सलाहकार शाइना लो ने कहा कि संघर्षविराम के पहले चरण के दौरान जो सहायता मिली, वह सभी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं थी।
उन्होंने कहा कि कभी भी आपूर्ति को रोककर नहीं रखा, इसलिए ऐसा नहीं है कि वितरित करने के लिए बहुत अधिक मात्रा बची है। क्रिक्स ने कहा कि यदि रोक जारी रही तो इसके विनाशकारी परिणाम होंगे। इस बीच संयुक्त राष्ट्र के मानवीय कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि क्रॉसिंग बंद होने के बाद सब्जियों और आटे की कीमतें बढ़ गईं।(भाषा)