Donald Trump Tariff : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर अपने बयानों से दुनिया का ध्यान खींचा है। इस बार उनका निशाना भारत है। ट्रम्प ने ऐलान किया है कि भारत अमेरिका से 100% से ज्यादा टैरिफ वसूलता है, और अब अमेरिका भी भारत के खिलाफ उसी तरह का कदम उठाएगा। यानी 2 अप्रैल, 2025 से भारत पर भी 100% टैरिफ लगाया जाएगा। इसके साथ ही, उन्होंने पाकिस्तान की तारीफ करते हुए उसे 'शुक्रिया' कहा। आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।
ट्रम्प का ऐलान भारत पर टैरिफ की मार: ट्रम्प ने यह बात अमेरिकी संसद के जॉइंट सेशन में अपने लंबे भाषण के दौरान कही। यह भाषण 1 घंटे 44 मिनट तक चला, जो उनके पिछले कार्यकाल के 1 घंटे के भाषण से काफी लंबा था। भाषण की शुरुआत उन्होंने अमेरिका इज बैक यानी अमेरिका का दौर लौट आया है के नारे से की। ट्रम्प ने दावा किया कि उनके नए कार्यकाल के 43 दिनों में उन्होंने वह कर दिखाया, जो कई सरकारें अपने 4 या 8 साल के कार्यकाल में भी नहीं कर पाईं। ALSO READ: भारत और चीन पर ट्रंप की टेढ़ी नजर, 2 अप्रैल से लगाएंगे जवाबी शुल्क
लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात थी भारत पर टैरिफ का ऐलान। ट्रम्प का कहना है कि भारत अमेरिकी सामानों पर भारी टैरिफ लगाता है, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान होता है। अब वे जैसा को तैसा नीति अपनाने जा रहे हैं। इसका मतलब है कि भारत से आने वाले सामानों पर भी अमेरिका 100% तक टैरिफ लगा सकता है। यह कदम दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों को प्रभावित कर सकता है।
पाकिस्तान को क्यों कहा 'शुक्रिया'? ट्रम्प ने अपने भाषण में पाकिस्तान की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि 2021 में अफगानिस्तान में हुए एक आतंकी हमले में 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। इस हमले के जिम्मेदार आतंकियों को पकड़ने में पाकिस्तान सरकार ने अमेरिका की मदद की। ट्रम्प ने इसे एक सकारात्मक कदम बताते हुए पाकिस्तान का आभार जताया। यह बयान भारत के लिए हैरानी भरा हो सकता है, क्योंकि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव किसी से छिपा नहीं है। ALSO READ: संसद में ट्रंप ने गिनाई उपलब्धियां, बोले वापस लौटा अमेरिका का सम्मान
भारत की प्रतिक्रिया: पीयूष गोयल का अमेरिका दौरा, ट्रम्प के इस ऐलान के बाद भारत सरकार में हलचल मच गई है। भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अपनी सभी बैठकें रद्द कर दीं और अचानक अमेरिका के लिए रवाना हो गए। सूत्रों के मुताबिक, गोयल 8 मार्च, 2025 तक अमेरिका में रहकर ट्रम्प प्रशासन के साथ बातचीत करेंगे। उनका मकसद अमेरिका के इस "प्रतिशुल्क" (रिसिप्रोकल टैरिफ) के फैसले पर स्पष्टता हासिल करना और भारत के लिए कुछ रियायतें लेना है।
भारत औद्योगिक उत्पादों पर टैरिफ में कटौती के लिए तैयार है, लेकिन कृषि उत्पादों पर किसी भी तरह की छूट देने के खिलाफ है। सरकार का मानना है कि इससे भारत के करोड़ों गरीब किसानों की आजीविका पर असर पड़ेगा। यह मुद्दा दोनों देशों के बीच बातचीत का सबसे बड़ा केंद्र बिंदु हो सकता है।
इसका असर क्या होगा? अगर अमेरिका भारत पर 100% टैरिफ लागू करता है, तो इसका असर दोनों देशों के व्यापार पर पड़ेगा। भारत से अमेरिका को ऑटोमोबाइल पार्ट्स, टेक्सटाइल, और फार्मास्यूटिकल्स जैसे सामान निर्यात होते हैं। दूसरी ओर, अमेरिका से भारत को तकनीकी उपकरण और ऊर्जा उत्पाद मिलते हैं। टैरिफ की इस जंग से सामानों की कीमतें बढ़ सकती हैं और दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर दबाव पड़ सकता है।
ट्रम्प का यह बयान न सिर्फ भारत-अमेरिका संबंधों के लिए एक चुनौती है, बल्कि वैश्विक व्यापार में भी नई बहस छेड़ सकता है। दूसरी ओर, पाकिस्तान की तारीफ ने इस मामले को और दिलचस्प बना दिया है। अब सबकी नजरें पीयूष गोयल के अमेरिका दौरे और भारत की रणनीति पर टिकी हैं। क्या भारत इस टैरिफ संकट से उबर पाएगा? यह आने वाले दिनों में साफ होगा।