चीन ने मसूद अजहर को फिर बचा लिया, भारत ने कहा- 'दुर्भाग्यपूर्ण आघात'

शनिवार, 31 दिसंबर 2016 (07:20 IST)
नई दिल्ली। चीन ने अंतत: जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख और पठानकोट हमले के साजिशकर्ता मसूद अजहर का नाम संयुक्त राष्ट्र के आतंकियों की सूची में शामिल करने के प्रस्ताव पर गुरुवार को फिर से अड़ंगा लगा दिया। हालांकि, कुछ दिन पहले चीन ने अपने रुख पर विचार करने का संकेत दिया था लेकिन ऐन वक्त पर चीन ने अपने पुराने रवैये का प्रदर्शन किया। भारत ने इस मसले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे 'दुर्भाग्यपूर्ण आघात' करार दिया है।
चीन ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा आतंकवादी घोषित किए जाने को लेकर उसके बचाव में खड़ा। अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित कराने की भारत की अर्जी पर चीन का तकनीकी स्थगन 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। इस बीच चीन ने कहा कि भारत को जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध कराने के विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का पालन करना चाहिए।
 
अक्‍टूबर में चीन ने भारत के प्रस्‍ताव पर 'टेक्निकल होल्‍ड' बढ़ा दिया था। चीन ने शुक्रवार को जो कदम उठाया है वह अपने वीटो की ताकत के तहत उठाया है। पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के मुखिया मसूद अजहर पर शिकंजा कसने की कोशिशों को चीन की ओर से रोके जाने पर भारत ने चिंता जताई है। इस नए घटनाक्रम पर भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत को उम्‍मीद थी कि चीन ज्‍यादा समझदारी से काम लेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता विकास स्‍वरूप ने कहा कि मसूद अजहर को आतंकवादी घोषित न करने के अंतराष्‍ट्रीय समुदायों के असफल प्रयास आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की प्रतिबद्धता को दिखाते हैं। साथ ही इससे दूसरे देशों के दोहरे रवैये का भी उदाहरण मिलता है।
 
उन्‍होंने कहा कि मसूद अजहर को आतंकी न घोषित करने देने का चीन का फैसला काफी हैरान करने वाला है क्‍योंकि चीन खुद भी अब आतंकवाद से परेशान है। उन्‍होंने बताया कि भारत अपने प्रयासों को जारी रखेगा। भारत के पास जो भी विकल्‍प मौजूद हैं उसके जरिए वह पठानकोट आतंकी हमले के दोषियों को सजा दिलाकर रहेगा।
 
प्रस्ताव को 15 सदस्यीय प्रतिबंध समिति के अन्य सभी सदस्यों के पुरजोर समर्थन की बात कहे जाने के बीच विदेश मंत्रालय ने कहा, "हम चिंता के साथ कहना चाहते हैं कि चीन ने मसूद अजहर को सूची में शामिल करने के प्रस्ताव को ब्लॉग कर दिया।" मंत्रालय ने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस बात से अवगत है कि पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद पठानकोट हमला समेत भारत में अनेकों आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार है जिसे संयुक्त राष्ट्र ने निषिद्ध किया है।"  
 
मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया, "अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा मसूद अजहर को सूची में शामिल करने में अक्षमता आतंकवाद के सभी स्वरूपों से प्रभावी ढंग से निपटने के समन्वित प्रयासों पर दुर्भाग्यपूर्ण आघात है और यह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मानदंड की प्रतिपुष्टि करता है।"  
 
रक्षा परिषद में वीटो की ताकत रखने वाले चीन ने छह माह के स्थगन के साथ भारत के कदम में अडंगा लगा दिया था। इस स्थगन को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया था। यहां अधिकारियों का कहना है कि भारत को अपने विषय पर दबाव बनाने के लिए आरोपपत्र के ब्योरे के साथ 1267 समिति में फिर आवेदन देना पड़ सकता है क्योंकि उसके वर्तमान आवेदन की अवधि चीन के तकनीकी स्थगनों के कारण समाप्त हो जाएगी।
 
दोनों ही देश इस मुद्दे पर तथा परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह से जुड़ने के भारत के आवेदन पर बातचीत कर रहे हैं। इस वार्ता में अब तक कोई बात नहीं बनी है क्योंकि चीन ने 12 दिसंबर को कहा था कि इन दोनों मसलों पर उसका रुख नहीं बदला है। संयुक्त राष्ट्र ने 2001 में जैश-ए-मोहम्मद पर रोक लगा दी थी लेकिन 2008 के मुम्बई हमले के बाद अजहर पर पाबंदी की भारत की कोशिश सफल नहीं हुई क्योंकि चीन ने संभवत: पाकिस्तान के इशारे पर पाबंदी लगने नहीं दी।
 
पंद्रह सदस्यीय सुरक्षा परिषद में चीन 1267 पाबंदी सूची में अजहर को डालने के भारत के आवेदन पर स्थगन लगाने वाला एकमात्र सदस्य देश है जबकि अन्य 14 सदस्य भारत के पक्ष में है. इस सूची में अजहर के आ जाने से उसे संपत्ति पर रोक और यात्रा पर रोक से गुजरना पड़ेगा। 
 
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि चीन का निर्णय आश्चर्यजनक है क्योंकि चीन खुद भी आतंकवाद की बुराई से प्रभावित रहा है और उसने आतंकवाद के सभी स्वरूपों के विरोध की घोषणा की है। उन्होंने कहा, "इस निर्णय के परिणामसस्वरूप संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को एक बार फिर से आतंकवादी संगठन की सूची में इस नेता को शामिल करने से रोका गया। हमने उम्मीद की थी कि चीन आतंकवाद की ओर से पैदा किए गए खतरों को समझेगा और आतंकवाद की साझा चुनौती से निपटने में भारत एवं अन्य के साथ शामिल होगा।"

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