किम जोंग उन का वजन हुआ कम, स्वास्थ्य संबंधी अटकलों को फिर मिली हवा

Webdunia
बुधवार, 16 जून 2021 (15:06 IST)
सियोल। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन का वजन संभवत: 10 से 20 किलोग्राम कम हो गया है और इसी के साथ उनके स्वास्थ्य को लेकर अकसर लगने वाली अटकलों को फिर से हवा मिल गई है।

ALSO READ: कोवैक्सीन पर नया विवाद : क्या वैक्सीन में इस्तेमाल हुआ बछड़े का सीरम?
 
दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान जैसे देशों में किम का स्वास्थ्य चर्चा का विषय रहता है और अकसर इस तरह के सवालों के जवाब खोजने की कोशिश की जाती है कि क्या किम का वजन और बढ़ गया है, क्या चलने में उनकी सांस फूल रही है, उनके पास लाठी क्यों है, वह महत्वपूर्ण सरकारी कार्यक्रम में शामिल क्यों नहीं हुए इत्यादि।
 
37 वर्षीय नेता अपने स्वास्थ्य को लेकर एक बार फिर चर्चा में हैं, लेकिन इस बार उनका वजन बढ़ा नहीं, बल्कि काफी कम हो गया है। सोशल मीडिया पर हाल में जारी की गई किम की तस्वीरों से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उन्होंने काफी वजन कम कर लिया है। उनकी घड़ी पहले से ढीली हो गई है और उनका चेहरा पतला लग रहा है। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि 5 फुट 8 इंच लंबे किम का वजन पहले 140 किलोग्राम था और अब उनका वजन संभवत: 10 से 20 किलोग्राम कम हो गया है।

ALSO READ: एक्सप्लेनर: कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट पर कारगर वैक्सीन,डबल के साथ सिंगल डोज वालों को भी संक्रमण का कम खतरा
सियोल स्थित 'कोरिया इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल यूनिफिकेशन' के एक वरिष्ठ विश्लेषक होंग मिन ने कहा कि किम का वजन कम होना बीमारी के संकेत के बजाय उनके स्वास्थ्य में सुधार का प्रयास लगता है। बहुत शराब पीने और धूम्रपान करने वाले किम के परिवार के कई सदस्य हृदय संबंधी बीमारियों से पीड़ित रहे हैं। उनके पिता और दादा की हृदय संबंधी समस्याओं के कारण मौत हुई थी। विशेषज्ञों ने कहा है कि किम का अधिक वजन हृदय रोगों की आशंका को बढ़ा सकता है।
 
सियोल स्थित 'इंस्टीट्यूट ऑफ नॉर्थ कोरियन स्टडीज' के सेओ यू-सोक ने कहा कि उत्तर कोरिया में हाल में सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी के पहला सचिव पद बनाया है, जिस पर काबिज व्यक्ति देश में किम के बाद दूसरे नंबर होगा और इस पद का संबंध किम के स्वास्थ्य से जुड़ी संभावित समस्याओं से हो सकता है। उन्होंने कहा कि किम ने भले ही शीर्ष अधिकारियों के आग्रह पर पद की स्थापना की अनुमति दी हो, लेकिन फिर भी उन्होंने किसी को नामित नहीं किया है, क्योंकि इससे सत्ता पर उनकी पकड़ ढीली हो सकती है। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख