नॉर्दर्न ग्रेट बैरियर रीफ ऑस्ट्रेलिया का एक बेहद खूबसूरत समुद्री इलाका है। यह दुनिया में कछुओं की सबसे बड़ी कॉलोनी है जहां इस दुर्लभ प्रजाति के करीब 2 लाख कछुए दिख जाते हैं। समस्या यह है कि इनमें मेल कछुए नहीं हैं। इस रीफ पर बसने वाले 99 फीसदी से ज्यादा कछुए फीमेल हैं और इसकी वजह ग्लोबल वार्मिंग को माना जा रहा है।
तापमान के आधार पर सेक्स निर्धारण की यह स्थिति रेप्टाइल प्रजाति के कई प्राणियों में होती है। तापमान बढ़ने से फीमेल कछुओं की संख्या का बढ़ना एक अच्छी खबर तो है, लेकिन जब पूरी तरह से फीमेल कछुए ही बचें तो यह एक विनाश वाली स्थिति ही हो सकती है, क्योंकि इससे कछुओं के प्रजनन पर गंभीर असर पड़ेगा और धीरे-धीरे वे विलुप्त ही हो जाएंगे।