तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने धर्मनिरपेक्षता के प्रतीक ‘हागिया सोफिया’ को मस्जिद में तब्दील कर हाल ही में तुर्की में इस्लामिक कट्टरता को हवा दी है। सेक्यूलरिज्म के पैरोकार और दुनिया के तमाम उदारवादियों की इसे लेकर जो चिंता थी उस चिंता के परिणाम शायद जल्दी ही दुनिया के सामने आने लगेंगे।
पाकिस्तान में अब तक कट्टरता को लेकर कोई संशय नहीं रहा है,लेकिन अब यह खुलकर सामने आ रही है। यह देखकर लगता है कि तुर्की के इस्लामिक कट्टरता के गीत में पाकिस्तान कोरस की भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन जिया गोकाई के कदम चिन्हों पर चलकर अपने भाषणों में उनका स्टेटमेंट दोहराते हैं और कहते हैं,
'मस्जिदें हमारी छावनी हैं, गुंबदें हमारी रक्षा कवच, मीनारें हमारी तलवार और इस्लाम के अनुयायी हमारे सैनिक हैं'
ठीक इसी तरह पाकिस्तान में हाल ही में एक मुस्लिम कट्टर सिक्खों के गुरद्वारे पर कब्जा करता है और वीडियो जारी कर के कहता है,
'पाकिस्तान एक इस्लामिक देश है और यहां सिर्फ मुस्लिम ही रह सकते हैं '
कोई बड़ी बात नहीं कि आने वाले समय में पाकिस्तान में सांप्रदायिक तनाव को लेकर किसी बड़ी बहस की जरुरत पड़े।
क्या है घटना
दरअसल पाकिस्तान में कट्टरपंथियों के बढ़ते हौसले की यह सिर्फ एक बानगीभर है। यहां लाहौर में एक मौलवी ने गुरुद्वारे की जमीन पर कब्जा कर लिया। इतना ही नहीं, उसने वीडियो जारी कर सिखों को धमकी दी है कि पाकिस्तान इस्लामी देश है और यहां सिर्फ मुस्लिम रह सकते हैं।
मौलवी सोहेल बट्ट दावत-ए-इस्लामी (बरेलवी) से जुड़ा है। बताया जा रहा है कि वह लाहौर में मुस्लिम पैगम्बर हजरत शाह काकु चिश्ती दरगाह का केयरटेकर भी है।
हाल ही में उसने स्थानीय लोगों की मदद ली और उनके साथ मिलकर गुरुद्वारा शहीद भाई तारु सिंह की जमीन पर कब्जा कर लिया। इसके बाद उसने एक वीडियो जारी किया और पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीजीपीसी) के पूर्व अध्यक्ष गोपाल सिंह चावला को धमकी दी।
सोहेल ने दावा किया कि गुरुद्वारा और उसके आसपास की 4 से 5 कनाल जमीन हजरत शाह काकु चिश्ती दरगाह और शहीदगंज मस्जिद की है। सूत्रों के मुताबिक सोहेल ने यह सब कुछ भू-माफियाओं के इशारे पर किया है। इसमें एक आईएसआई का अफसर जेन भी है।
गुरुद्वारे पर कब्जा करने के बाद जारी किए गए वीडियो में उसने कहा, ‘एक मुस्लिम राष्ट्र होने के नाते पाकिस्तान केवल मुस्लिमों का है। 1947 में पाकिस्तान के बनने के समय करीब 20 लाख मुस्लिमों ने जिंदगी गंवाई थी। ये सिख गुंडागर्दी दिखा रहे हैं। यह एक इस्लामी राष्ट्र है, वे कैसे गुंडागर्दी दिखा सकते हैं? ऐतिहासिक रिकॉर्ड बताते हैं कि यह साइट हमारी है’
वीडियो में वह सिख कम्युनिटी लीडर गोपाल सिंह चावला और फौजा सिंह को धमकी दे रहा है।
क्या है गुरुद्वारे का इतिहास?
जिस गुरुद्वारे पर कब्जा किया गया वो भाई तारु सिंह के शहीद स्थल पर बना है। बताया जाता है कि यहां पर 1726 में मुगल काल के दौरान वायसराय जकारिया खान ने इस्लाम स्वीकार नहीं करने पर भाई तारु सिंह का सिर काट दिया था। बता दें कि पाकिस्तान में कई ऐतिहासिक सिख गुरुद्वारे ऐसे हैं जो या तो जर्जर हालात में हैं या फिर भू-माफिया और स्थानीय लोगों के कब्जे में हैं।
ऐसे में दुनियाभर में कट्टरवाद को लेकर चिंता बढ रही है। उधर तुर्की ने सारी हदें पार कर के हागिया साफिया को मस्जिद बना दिया, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान खुलेआम तुर्की की गतिविधियों का समर्थन करते हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में पूरी दुनिया को इस दिशा में सोचना होगा।